हैदरनगर व मोहम्मदगंज के एक भी स्कूल में नहीं पहुंची बिजली

सरकार ने सभी विद्यालयों में मार्च 2018 तक बिजली कनेक्शन का दिया था निर्देश विद्यालय के वायरिंग के नाम पर करोड़ों का हुआ वारा न्यारा हैदरनगर : गत वर्ष झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में मार्च 2018 तक बिजली कनेक्शन कराने का निर्देश दिया था. इस आलोक में सभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2018 5:37 AM

सरकार ने सभी विद्यालयों में मार्च 2018 तक बिजली कनेक्शन का दिया था निर्देश

विद्यालय के वायरिंग के नाम पर करोड़ों का हुआ वारा न्यारा
हैदरनगर : गत वर्ष झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में मार्च 2018 तक बिजली कनेक्शन कराने का निर्देश दिया था. इस आलोक में सभी विद्यालयों में वायरिंग के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किये गये. मगर किसी विद्यालय में अबतक बिजली नहीं पहुंची. हैदरनगर प्रखंड में 60 प्राथमिक,मध्य व उत्क्रमित विद्यालय हैं, जबकि मोहम्मदगंज प्रखंड में 41 प्राथमिक ,मध्य व उत्क्रमित विद्यालय हैं. सरकार के निर्देश के बावजूद बिजली क्यों नहीं पहुंची, इसपर बीइइओ रामनरेश राम ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि सभी विद्यालय से बिजली विभाग को आवेदन दिया गया है. जानकारों का मानना है कि बिजली विभाग का अपना नियम कानून है. सिर्फ आवेदन जमा कर देने मात्र से बिजली नहीं मिलती है. उसके लिए शुल्क जमा करना पड़ता है.
शिक्षकों से इस संबंध में बात करने पर उन्होंने बताया कि उन्हें जैसे कहा गया था, उन्होंने उसी तरह आवेदन जमा कर दिया. बिजली कैसे मिलेगी. उसके लिए शुल्क जमा करना होगा. यह वह नहीं जानते. उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारियों से जैसा आदेश मिलता है, वह वैसा करते हैं. बीइइओ रामनरेश राम ने बताया कि प्रखंड के सभी विद्यालयों में वायरिंग का काम पूरा करा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि बिजली विभाग को आवेदन भेजा गया है. उनके द्वारा अगर शुल्क की मांगी जायेगी, तो उच्चाधिकारियों से इस बिंदु पर विमर्श कर आगे की कार्रवाई की जायेगी. गड़बड़ी चाहे जिसकी हो, बिजली नहीं रहने से विद्यालय में सभी सुविधाएं रहते हुए विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रही है. कुछ अभिभावकों ने बताया कि गर्मी चरम पर है. विद्यालय में पंखा भी है, मगर बिजली कनेक्शन नहीं होने की वजह से सभी बेकार है. उन्होंने बताया कि गर्मी में उनके बच्चों को काफी परेशानी उठाना पड़ता है.

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