मेदिनीनगर. मेडिकेयर जांच घर से ढाई यूनिट ब्लड बरामद
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सदर अस्पताल के पास खून का अवैध कारोबार, जांच घर सील
मेदिनीनगर. मेडिकेयर जांच घर से ढाई यूनिट ब्लड बरामद मेदिनीनगर : सदर अस्पताल के ठीक सामने मेडिकेयर जांच घर में खून के अवैध कारोबार के धंधे का खुलासा हुआ. रविवार को सदर सीओ शिवशंकर पांडेय ने छापामारी कर ढाई यूनिट ब्लड बरामद किया. इस दौरान जांच घर के कर्मचारी भाग निकले. जांच घर को सील […]
मेदिनीनगर : सदर अस्पताल के ठीक सामने मेडिकेयर जांच घर में खून के अवैध कारोबार के धंधे का खुलासा हुआ. रविवार को सदर सीओ शिवशंकर पांडेय ने छापामारी कर ढाई यूनिट ब्लड बरामद किया. इस दौरान जांच घर के कर्मचारी भाग निकले. जांच घर को सील कर दिया गया है. खून निकालने के लिए प्रयुक्त किये जानेवाले सामग्री और पंजी को जब्त कर लिया गया है. सीओ ने कहा कि जांच घर का संचालक आलोक सिंह है. उन्होंने कहा कि जब्त ब्लड को जांच के लिए लेबोरेटरी भेजेंगे. मेदिनीनगर के ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ राजेश कुमार के बयान पर शहर थाना में मामला दर्ज किया गया है.
डीसी की पहल पर हुई कार्रवाई : युवा पलामू नामक सामाजिक संगठन के राकेश तिवारी की सक्रियता से मामले का खुलासा हुअा. उन्होंने देखा कि मेडिकेयर जांच घर में एक गरीब व्यक्ति से ब्लड लिया जा रहा है.
सदर अस्पताल के पास…
उन्होंने इसकी सूचना सिविल सर्जन डॉ कलानंद मिश्रा को दी. इस पर डॉ मिश्र ने कहा कि यह देखना उनका काम नहीं है. इसके बाद राकेश ने उपायुक्त अमीत कुमार को पूरी बात बतायी. उपायुक्त ने शीघ्र सीओ को छापेमारी का आदेश दिया. जहां से जांच के दौरान तीन बैग में रखे ढाई यूनिट ब्लड बरामद किया गया. जबकि एक बैग में आधा यूनिट ब्लड था, उसमें सिंरीज लगा हुआ था. देखने से प्रतीत हो रहा था कि किसी से खून लिया जा रहा था.
सीओ ने की छापेमारी, भाग गये जांच घर के कर्मचारी
प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर
में मात्र एक ब्लड बैंक है
हर दिन औसत 30 यूनिट ब्लड की जरूरत, जबकि ब्लड बैंक में उपलब्ध है मात्र दस यूनिट ब्लड
पांच से छह हजार रुपये प्रति यूनिट बेचते हैं ब्लड
जांच में यह भी पता चला कि कालाबाजारी कर प्रति यूनिट ब्लड पांच से छह हजार रुपये में बेचे जाते हैं. वहीं नशेड़ी पांच सौ रुपये में ब्लड बेच देते हैं.
क्यों सक्रिय हैं खून के दलाल
पलामू में एक मात्र ब्लड बैंक है, जो जरूरत के अनुसार, लोगों को खून उपलब्ध करा पाने में सक्षम नहीं है. मेदिनीनगर जिला मुख्यालय के साथ-साथ प्रमंडलीय मुख्यालय भी है. इस दृष्टिकोण से देखा जाये तो पलामू केअलावा गढ़वा व लातेहार के मरीज भी इलाज कराने आते हैं. औसतन यहां हर दिन 30 यूनिट ब्लड की जरूरत है. जबकि अभी ब्लड बैंक में मात्र दस यूनिट ही ब्लड उपलब्ध है. स्थिति यह है कि खून की कमी के कारण कभी-कभी सर्जन को मरीजों का ऑपरेशन भी रोकना पड़ता है. ऐसे में जरूरतमंद लोग दलालों के चक्कर में फंस जाते है. यही वजह है कि खून के दलाल सक्रिय है.सदर अस्पताल में भी दलाल सक्रिय रहते है.
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