हल्की आंधी में भी गुल हो जाती है बिजली

नेशनल ग्रिड से मिल रही है पर्याप्त बिजली, वितरण व्यवस्था में गड़बड़ी पलामू को पिक आवर में 57 मेगावाट बिजली की जरूरत मेदिनीनगर : पलामू नेशनल ग्रिड से जुड़ा है. बिजली की उपलब्धता के मामले में अब पहले जैसी स्थिति नहीं रही. विभाग की माने तो पलामू को पर्याप्त बिजली मिल रही है. इसके बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2018 4:30 AM

नेशनल ग्रिड से मिल रही है पर्याप्त बिजली, वितरण व्यवस्था में गड़बड़ी

पलामू को पिक आवर में 57 मेगावाट बिजली की जरूरत
मेदिनीनगर : पलामू नेशनल ग्रिड से जुड़ा है. बिजली की उपलब्धता के मामले में अब पहले जैसी स्थिति नहीं रही. विभाग की माने तो पलामू को पर्याप्त बिजली मिल रही है. इसके बाद भी यदि कही रात में बिजली गुल हो रही है या फिर बिजली संकट है, तो यह बिजली की कमी के कारण नहीं बल्कि वितरण व्यवस्था की त्रुटि है. नेशनल ग्रीड से जुड़े पदाधिकारियों की माने तो पलामू को पिक आवर में 57 मेगावाट बिजली की जरूरत है. इसके अलावा 35 से 40 मेगावाट बिजली की खपत है, जो ग्रिड से उपलब्ध कराया जा रहा है. नेशनल ग्रिड पलामू के लहलहे में स्थित है. इससे जुड़ जाने के बाद जो लाइन की व्यवस्था की गयी है, उसमें पलामू को जरूरत के मुताबिक बिजली उपलब्ध करायी जा सकती है. वैसे जो नेटवर्क सिस्टम विकसित किया गया है उसमें 100 मेगावाट तक बिजली मिल सकती है.
शनिवार को 33 केवीए का लाइन ब्रेक डाउन हुआ था. रविवार की रात तेज आंधी तूफान चली, जिसके कारण बिजली आपूर्ति बाधित रही. विभाग के कार्यपालक अभियंता का कहना है कि अभी दो दिनों के बात छोड़ दिया जाये, तो बिजली की स्थिति सामान्य है. पर्याप्त बिजली उपलब्ध करायी जा रही है. औसतन 20 से 22 घंटे बिजली मिल रही है. आंधी के कारण व्यवस्था प्रभावित हुई थी, जिसे ठीक कराने का काम किया जा रहा है. यदि मौसम साथ दे तो बिजली पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगी.
शहर में बिछेगा अंडर ग्राउंड वायर
प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर को नयी शक्ल देने की तैयारी चल रही है. पलामू वर्षों पुराना जिला है. इसकी स्थापना 1 जनवरी 1892 को हुई थी. तीन मई 1992 को इसे प्रमंडल का दर्जा मिला. यानी मेदिनीनगर जिला के साथ-साथ प्रमंडलीय मुख्यालय भी है. मेदिनीनगर का जो बाजार क्षेत्र है, उसमें अंडर ग्राउंड वायर तार बिछाया जायेगा. इसे लेकर कार्य योजना तैयार कर ली गयी है. जो कार्य योजना तैयार की गयी है उसके मुताबिक मेदिनीनगर के शहरी क्षेत्र में नौ किलोमीटर की परीधि में अंडर ग्राउंड बिजली का तार बिछेगा. इस पर लगभग 32 करोड़ रुपये खर्च होंगे. जब अंडर ग्राउंड वायर बिछेगा तो इसका कई लाभ होगा.
क्योंकि शहर में वैसे पर्व जिसमें जुलूस निकलता है. खास तौर पर रामनवमी व मुहर्रम के वक्त शहर में पांच दिनों तक बिजली-पानी आपूर्ति बाधित हो जाती है. लोग परेशान रहते है. यदि अंडर ग्राउंड वायर बिछ जायेगा, तो इससे जहां बिजली व्यवस्था में सुधार होगी, वहीं इस तरह के अवसर पर बिजली भी नहीं कटेगी. विभाग के कार्यपालक अभियंता सरस्वतीचंद्र मिश्रा की माने तो यह कार्य एक माह के अंदर शुरू हो जायेगा. सर्वे करा कर एक्शन प्लान तैयार हो चुका है. साथ ही शहर के सभी इलाकों में कॉवर तार लगाये जायेंगे इसे लेकर कार्य तेजी से किया जा रहा है, ताकि तार गिरने के बाद भी किसी तरह की कोई दुर्घटना की आशंका न रहे.
मेदिनीनगर में हुआ था करंट हादसा
मेदिनीनगर में वर्ष-2000 में करंट हादसा हुआ था, तब रामनवमी के जुलूस पर बिजली का तार गिर गया था जिसमें करंट के चपेट में आने से 19 लोगों की मौत हुई थी. तब अलग झारखंड राज्य का गठन नहीं हुआ था. उस वक्त यह तय हुआ था कि कॉवर तार लगेंगे. साथ ही अंडर ग्राउंड तार भी बिछेगा. यद्दपि इस कार्य योजना को मूर्त रूप लेने में लगभग 18 साल लग गये. अब उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यह कार्य होगा. क्योंकि दोनों कार्य पर विभाग सक्रियता के साथ लगी है.
क्या है समस्या
मिल रही है पर्याप्त बिजली, फिर भी हल्की हवा के झोंक में भी कट जाती है बिजली. वितरण व्यवस्था में सुधार की दरकार है.
क्या कहते हैं विधायक

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