मेदिनीनगर : अनैतिक संबंध बना रामेश्वर केसरी की मौत का कारण
मेदिनीनगर : विश्रामपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीटीटी रामेश्वर प्रसाद केसरी ने आत्महत्या की थी. पुलिसिया अनुसंधान में जो बात उभरकर सामने आयी उसके मुताबिक जिन परिस्थितियों में रामेश्वर प्रसाद केसरी ने आत्महत्या की उन परिस्थितियों के निर्माण में रोजी देवी (काल्पनिक नाम) की भूमिका उत्प्रेरक के रूप में रही है. पुलिस ने रोजी […]
मेदिनीनगर : विश्रामपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीटीटी रामेश्वर प्रसाद केसरी ने आत्महत्या की थी. पुलिसिया अनुसंधान में जो बात उभरकर सामने आयी उसके मुताबिक जिन परिस्थितियों में रामेश्वर प्रसाद केसरी ने आत्महत्या की उन परिस्थितियों के निर्माण में रोजी देवी (काल्पनिक नाम) की भूमिका उत्प्रेरक के रूप में रही है. पुलिस ने रोजी देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने इस पूरे मामले का खुलासा किया है. बताया कि अनैतिक संबंध रामेश्वर प्रसाद केसरी की मौत का कारण बना.
रामेश्वर शादीशुदा था.करीब पांच-छह वर्षों से रामेश्वर का अनैतिक संबंध रोजी देवी के साथ था. रोजी रामेश्वर की दूर की रिश्तेदार थी. रोजी व रामेश्वर के बीच जो अनैतिक संबंध था उसके बारे में दोनों के घरवाले भी जानते थे. दोनों अलग हो इसके लिए कई बार स्थानीय स्तर पर चर्चा भी हुई थी. पंचायती भी बैठी लेकिन बात नही बनी. चूंकि मामला इतना दूर पहुंच गया था कि रामेश्वर व रोजी दोनों के लिए वहां से लौटना मुमकीन नही था. एसपी श्री माहथा की माने तो रामेश्वर पर घरवालों का दबाव था. रामेश्वर परेशान चल रहा था. साथ काम करने वाले लोगों से उसने अपनी इस परेशानी का जिक्र भी किया था. कह रहा था कि क्या करें कुछ समझ नही आ रहा है. उसकी परेशानी दूर हो इसके लिए उसकी प्रेमिका रोजी भी कुछ सहयोग करने के लिए तैयार नही थी. बल्कि वह उसके लिए परेशानी ही बढ़ा रही थी.
रोजी देवी भी बीटीटी का काम करती है. उसे बीटीटी के रूप में सेवा लाने के लिए रामेश्वर ने ही प्रयास किया था. बीटीटी के रूप में जब रोजी देवी ने अपना कार्य शुरू किया तो धीरे-धीरे रामेश्वर और वह करीब हो गये. दोनों में करीबी इतनी बढ़ी की यह रिश्ता कब नैतिक से अनैतिक में तब्दील हो गयी कुछ पता ही नही चला और यही रिश्ता आत्महत्या का कारण बना. प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस उपाधीक्षक सुरजीत कुमार, पुलिस निरीक्षक डीएन रजक,विश्रामपुर थाना प्रभारी चंद्रशेखर, सदर थाना प्रभारी ममता कुमारी, महिला थाना प्रभारी दुलर चौड़े मौजूद थी.
कब की है घटना
रामेश्वर केसरी का शव 16 मई की शाम विश्रामपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रशिक्षण हॉल में पंखे से लटकता हुआ पाया गया था. रामेश्वर का पैर टेबुल रखा हुआ था और वह फंदे से लटका हुआ था. जिसके बाद यह आशंका व्यक्त की गयी की रामेश्वर की हत्या की गयी है और इसे आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया गया है. जिसके बाद पुलिस ने इस पूरे मामले का गहन अनुसंधान किया था. एसपी इंद्रजीत माहथा स्वयं उसी दिन घटनास्थल पर गये थे. खोजी कुत्ता को मंगाया गया था. स्पेशल टीम का गठन हुआ था.
क्या था प्राथमिकी में
रामेश्वर केसरी की मौत के बाद उसकी पत्नी संगीता देवी के बयान के आधार विश्रामपुर थाना में पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष-2001 में रामेश्वर प्रसाद केसरी की शादी संगीता के साथ हुई थी. रामेश्वर विश्रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीटीटी के पद पर काम करता था. तीन बच्चे थे. शादी के बाद सबकुछ ठीक ठाक चल रहा था. पांच छह वर्ष पहले से प्रेम प्रसंग उसी अस्पताल में काम करने वाली ममता देवी के साथ शुरू हुआ जिसके कारण रामेश्वर ने घर पर ध्यान देना कम कर दिया था. उसने आशंका जाहिर की थी कि ममता, उसके पति संतोष प्रसाद केसरी, उसकी मां लेमा देवी और महेंद्र प्रजापति ने मिलकर हत्या कर इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की है.
पुलिस ने क्या पाया अनुसंधान में
एसपी इंद्रजीत माहथा ने स्पष्ट किया कि अंत्यपरीक्षण रिपोर्ट व अनुसंधान में मिले तथ्यों से यह स्पष्ट हो गया कि यह आत्महत्या का मामला है. इसमें उत्प्रेरक की भूमिका रोजी देवी ने निभाया है. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. अन्य चार आरोपियों की इस घटना में शामिल रहने का कोई साक्ष्य नही मिला.
15 दिन में रामेश्वर व ममता ने की थी 473 बार बात
रामेश्वर केसरी ने रोजी को अपने नाम पर सीम व मोबाइल सेट दिया था. पुलिस ने उसे जब्त कर लिया है. एसपी इंद्रजीत माहथा ने बताया कि जो कॉल डिटेल निकाला गया उसमें यह तथ्य उभरकर सामने आया कि 15 दिनों में रामेश्वर व ममता की 473 बार बात हुई है. 16 मई को सुबह-7:30 बजे रामेश्वर ने रोजी से फोन कर पूछा था कि कब तक अस्पताल आना है. इस पर उसने दस, ग्यारह बजे का समय दिया था. जब 11 बजे रोजी वहा पहुंची तो रामेश्वर नही था. रामेश्वर को उसने फोन कर बुलाया. उसके बाद रामेश्वर ने वहा आकर प्रशिक्षण हॉल का ताला खोला और उसके बाद बाहर चला गया. बाहर से वह फल व पानी लेकर आया.
उसके बाद दोनों हॉल में ही बैठकर बात करने लगे इसी दौरान दोनों के बीच नोंकझोंक हुई.इस पर ममता ने पुलिस के समक्ष बयान दिया है उसके मुताबिक ममता ने कह दिया कि समाज की परवाह करते हो, तुम मेरे लिये क्या कर सकते हो. केवल झुठा दिलासा देते हो कि जरूरत पड़ने पर तुम्हारे लिए जान दें देंगे. इसी बीच रोजी का बच्चा हॉल से बाहर निकल जाता है उसे पकड़ने के लिए रोजी बाहर निकलती है और जब कुछ देर बाद लौटी तो देखा कि रामेश्वर फंदे से लटका हुआ है. उसने उसे बचाने की कोशिश की और टेबुल पर उसका पैर रखकर फंदा को भी खोलने का प्रयास किया.इसी दौरान उसकी चुड़ी व अंगुठी वहा गिर गयी थी.
पत्रकारों के सुरक्षा के प्रति गंभीर है पलामू पुलिस
रामेश्वर केसरी बीटीटी के साथ-साथ स्थानीय अखबार का संवाददाता भी था.उसके मौत की घटना को पलामू पुलिस ने काफी गंभीरता से लिया. पूरे मामले काखुलासा होने के बाद एसपी इंद्रजीत माहथा ने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा के प्रति पलामू पुलिस गंभीर है. लेकिन रामेश्वर केसरी की मौत में पत्रकारिता का दूर-दूर तक कोई रिश्ता नही है. रामेश्वर की मौत का कारणअनैतिक संबंध बना. इसी के कारण उसने आत्महत्या की है. पलामू में पत्रकार निर्भिक होकर अपने कार्यों को करें, उन्हें सुरक्षा का बेहतर माहौल मिलेगा.