नेशनल ग्रिड से आपूिर्त बंद पलामू जिला ब्लैक आउट

मेदिनीनगर : बात पलामू की. बिजली संकट इस इलाके के लिए कोई नया नहीं. दो माह तक ब्लैक आउट झेलने का भी अनुभव रहा है इस जिले को. लेकिन पहले हटिया ग्रिड और उसके बाद नेशनल ग्रिड से जुड़ने के बाद बिजली की स्थिति में व्यापक सुधार हुआ था. आमलोग भी इस बात को महसूस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2018 4:55 AM

मेदिनीनगर : बात पलामू की. बिजली संकट इस इलाके के लिए कोई नया नहीं. दो माह तक ब्लैक आउट झेलने का भी अनुभव रहा है इस जिले को. लेकिन पहले हटिया ग्रिड और उसके बाद नेशनल ग्रिड से जुड़ने के बाद बिजली की स्थिति में व्यापक सुधार हुआ था. आमलोग भी इस बात को महसूस कर रहे थे कि बिजली की स्थिति में अपेक्षित सुधार हुआ है. लेकिन इधर एक सप्ताह से मौसम के बदले मिजाज से बिजली की स्थिति भी बदल गयी. हवा का तेज झोंका आया और पलामू की बिजली गुल हो गयी. यह स्थिति वर्षों पहले थी आज भी है. यह अलग बात है कि नेशनल ग्रिड से जुड़ने के बाद बिजली की उपलब्धता थी, लेकिन बिजली आपूर्ति सिस्टम आज भी वही है. बिजली के तार और खंभे हल्की हवा भी नहीं झेल पा रहे हैं.

तेज आंधी व हवा में बिजली का गुल होना मानो स्वाभाविक सी प्रक्रिया है. गुरुवार की शाम चली तेज हवा से जो बिजली गुल हुई शुक्रवार की दिनभर बिजली गुल रही. बिजली कब आयेगी, इसे लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है. वैसे उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार की शाम या देर रात तक बिजली व्यवस्था बहाल हो सकती है. समाचार लिखे जाने तक पूरे पलामू में ब्लैक आउट की स्थिति बनी थी.
बिजली जाते ही विभाग के पदाधिकारी मोबाइल कर लेते है बंद
क्यों गुल
है बिजली
पलामू के लहलहे में नेशनल ग्रिड की स्थापना की गयी है. नेशनल ग्रिड से पलामू जुड़ गया है. पूर्व में पलामू को बिहार के सोननगर व रिहंद से बिजली मिलती थी. लंबे संघर्ष व प्रयास के बाद पलामू हटिया ग्रिड से जुड़ा था. हटिया ग्रिड से जुड़ने के बाद बिजली स्थिति में सुधार हुआ था. जब नेशनल ग्रिड का काम शुरू हो गया, तब पलामू को नेशनल ग्रिड से जोड़ दिया गया. नेशनल ग्रिड से जुड़ने के बाद बिजली की स्थिति में अपेक्षाकृत सुधार हुआ. वोल्टेज की स्थिति में भी सुधार हुआ था. लेकिन गुरुवार-31 मई को चली तेज आंधी से सासाराम में नेशनल ग्रिड का 400 केवीए का एक टावर क्षतिग्रस्त हो गया है, जबकि दूसरे का क्रॉस आर्म्म डैमेज हो गया है, जिसके कारण नेशनल ग्रिड से पलामू को आपूर्ति बंद हो गयी है. बताया गया कि पलामू के लहलहे में स्थापित ग्रिड में जो आपूर्ति होती है, उसकी लाइन बिहार के सासाराम के नेशनल ग्रिड से जुड़ा हुआ है.
क्या कहते हैं लोग
पलामू प्रमंडलीय शौंडिक मंच के अध्यक्ष सतीश कुमार साहू का कहना है कि बिजली नही रहने से व्यवसाय पर तो प्रभाव पड़ ही रहा है. इसका असर आम जनजीवन पर भी पड़ रहा है. बिजली की व्यवस्था दुरुस्त हो इस पर गंभीर होकर कार्य करने की जरूरत है.
डालटनगंज चेंबर आफ कॉमर्स के अध्यक्ष विनोद उदयपुरी का कहना है कि यह उम्मीद की गयी थी कि नेशनल ग्रिड से जुड़ने के बाद बिजली की व्यवस्था में सुधार होगा. पर इधर एक सप्ताह से जो स्थिति है, उसे देख कर लग रहा है कि कोई सुधार नहीं हुआ.
ज्ञान मंदिर आवासीय उच्च विद्यालय के निदेशक विनोद कुमार मिश्रा का कहना है कि आधुनिक युग में रोटी, कपड़ा और मकान के साथ बिजली भी आमलोगों की बुनियादी जरूरतों में से एक है. बिजली नही रहने से जलापूर्ति पर इसका प्रभाव पड़ा है.
युवा जागृति केंद्र के अध्यक्ष राजन सिन्हा ने कहा कि हल्की हवा का झोंका भी बिजली की तार बर्दाश्त नहीं कर रही है. बात सुधार की हो रही है. समझ नहीं आ रहा है कि आखिर सुधार हुआ कहां है. विभाग के पदाधिकारी पूरी तरह से लापरवाह हैं.
व्यवसायी विजय कुमार का कहना है कि बिजली गुल रहने के कारण व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया है. बिजली की व्यवस्था नहीं रहने के कारण पानी की भी किल्लत हो गयी है. बिजली नहीं है. गरमी के कारण दुकान में बैठना भी मुश्किल है.
क्या हो रही है परेशानी
पलामू में प्रचंड गरमी पड़ रही है. बिजली नही रहने से जलापूर्ति व्यवस्था प्रभावित हुई है. गरमी के कारण लोग रात में सो नहीं पा रहे हैं. बिजली के बिना नींद गायब है. न तो पानी मिल पा रहा है और ना ही सुकून का नींद. बिजली व्यवस्था बहाल होने के बाद ही पानी आपूर्ति भी सामान्य होगी.
आपूर्ति सिस्टम अब
तक नहीं हुआ है ठीक
आपूर्ति सिस्टम अभी तक ठीक नहीं हुआ है. यही कारण है कि नेशनल ग्रिड से जुड़ने के बाद भी पलामू को निर्बाध बिजली नहीं मिल पा रही है. हल्की हवा के झोंके से भी बिजली गुल हो जाती है. लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि बिजली गुल होने के बाद विभाग के जो पदाधिकारी है, वह अपना फोन बंद कर लेते हैं. बिजली उपलब्ध हो, इसके लिए उपभोक्ता शुल्क अदा करते हैं. ऐसे में उपभोक्ता को यह जानने का हक है कि आखिर बिजली गुल है, तो क्यों है. लेकिन ऐसे में सुलगता सवाल यह है कि जब पदाधिकारी की मोबाइल ही बंद रहेंगे तो जवाब देगा कौन.
लग सकता है 15 दिन से अधिक का समय
फिलहाल पलामू नेशनल ग्रिड से लाइन कट चुका है. क्षतिग्रस्त टावर बनाने में 15 दिन से अधिक का समय लग सकता है. विभाग की जानकारों की माने तो यह अवधि एक माह तक भी पहुंच सकती है. इसे देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. इसके तहत पलामू को फिर से हटिया ग्रिड से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. शुक्रवार की शाम तक यह प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है. उसके बाद पलामू में शुक्रवार की शाम या देर रात बिजली व्यवस्था बहाल हो सकती है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
बिजली संचरण विभाग के कार्यपालक अभियंता सुनील हांसदा ने बताया कि पलामू को हटिया ग्रिड से जोड़ने का काम किया जा रहा है. शुक्रवार की शाम या रात तक बिजली व्यवस्था बहाल हो जायेगी. बिहार के सासाराम में टावर क्षतिग्रस्त होने के कारण पलामू में बिजली गुल हुई है.

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