शहीद जवान कुंदन िसंह का सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
पार्थिव शरीर तिरंगा में लिपटा देख नम हुई आंखें हुसैनाबाद (पलामू) : हर एक पिता की ख्वाहिश होती है, उसके बच्चे बड़े होकर लायक बने और जब वह इस दुनिया से जाये तो उनकी अर्थी को कंधा बेटा दे. लेकिन जवान बेटे की मौत के बाद पिता को यदि अपने पुत्र की अर्थी को कंधा […]
पार्थिव शरीर तिरंगा में लिपटा देख नम हुई आंखें
हुसैनाबाद (पलामू) : हर एक पिता की ख्वाहिश होती है, उसके बच्चे बड़े होकर लायक बने और जब वह इस दुनिया से जाये तो उनकी अर्थी को कंधा बेटा दे. लेकिन जवान बेटे की मौत के बाद पिता को यदि अपने पुत्र की अर्थी को कंधा देना पड़े तो उस पिता पर क्या बीतता होगा इसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता. हुसैनाबाद के गमहर विगहा गांव के सुरेश सिंह इसी असहनीय पीड़ा से गुजर रहे हैं. उनकी आंखें नम है,आंसू सूखने का नाम नहीं ले रहा है. जब वह अपनों को देख रहे हैं तो दहाड़े मारकर रोने लग रहे हैं. कह रहे हैं बेटा मुझे छोड़कर चला गया. उसके खोने का तो दुख है. लेकिन गर्व इस बात का है कि उसने राष्ट्र व समाज के लिए शहादत दी है. यह उनके लिए गर्व की बात है. वह एक शहीद के पिता है और शहीद का पिता होना निश्चित तौर पर फक्र की बात है.
सुरेश सिंह हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के गमहर बिगहा गांव के रहने वाले हैं. सुरेश सिंह के पुत्र कुंदन कुमार सिंह मंगलवार की रात बूढ़ापहाड़ में माओवादियों द्वारा किये गये बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गये. शहीद कुंदन झारखंड जगुआर में कार्यरत थे. 2014 में कुंदन सेवा में गये थे. कुंदन को जानने वाले लोग बताते हैं कि शुरू से ही राष्ट्र की सेवा करने की लालसा उनके मन में था. जब उनकी नौकरी लगी तो वह काफी खुश थे कि क्योंकि उनके जीवन का मकसद ही राष्ट्र की सेवा करना था.
शहीद कुंदन सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार की सुबह चार बजे उनके पैतृक गांव गम्हर विगहा पहुंचा. शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचते ही परिजन व आसपास के लोग दहाड़े मारकर रोने लगे. तिरंगे में पार्थिव शरीर लिपटा हुआ था. यह दृश्य देखकर लोगों की आंखें नम थीं. पूरे सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गयी. उनके अंतिम यात्रा में काफी संख्या में लोग जुटे. कंचनपुर के मुल्की नाला पर शहीद की अंत्येष्टि की गयी. जवानों ने मातमी धुन बजाया. पिता सुरेश सिंह ने मुखाग्नि दी. इस दौरान लोगों ने जब तक सूरज चांद रहेगा कुंदन तेरा नाम रहेगा के नारे भी लगाये.
राष्ट्र व समाज के लिए शहादत : िपता ने दी मुखािग्न, गमगीन हुआ माहौल
जिन्होंने दी श्रद्धांजलि
शहीद कुंदन के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा रहा . अंतिम यात्रा में काफी संख्या में भाग लिया. जिन लोगों ने शहीद के घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी उसमें पूर्व मंत्री कमलेश कुमार सिंह, हुसैनाबाद के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मनोज कुमार महतो, पूर्व विधायक संजय कुमार सिंह यादव, थाना प्रभारी रासबिहारी लाल, जेएमएम के वरिष्ठ नेता एजाज हुसैन, नगर पंचायत अध्यक्ष शशि कुमार, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रामेश्वर राम, मुखिया शिवलाल राम, स्वास्थ्य उपाधीक्षक डॉ अनिल कुमार, मुखिया संघ के अध्यक्ष विजय यादव,भाजपा के वरीय नेता कामेश्वर कुशवाहा, रामप्रवेश सिंह, मदन पासवान, हरिनंदन मेहता, अजीत सिंह, मनोज सिंह, मंदीप राम, गौतम पटेल, सैय्यद मुसवी रजा सहित काफी संख्या में लोग शामिल थे.
एसपी पहुंचे शहीद के घर, परिजनों से की मुलाकात
पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा गुरुवार को हुसैनाबाद के गमहर विगहा गांव जाकर शहीद कुंदन सिंह के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाया. कहा कि शहीदों की शहादत बेकार नहीं जायेगी. इस मामले में सरकार द्वारा जो राशि उपलब्ध करायी जाती है उसे लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. दुख की घड़ी में प्रशासन शहीद परिवार के साथ है. किसी भी प्रकार की कोई भी आवश्यकता यदि हो तो निसंकोच पुलिस को बताये.
पुलिस हर संभव मदद करेगी. निश्चित तौर पर एक पिता के लिए दुखदायी घड़ी है. पुत्र का खोने का गम है लेकिन शहादत पर फक्र भी. यही सोच हमारे समाज व राष्ट्र को मजबूत बनाने का काम करता है. इसके पूर्व गम्हर विगहा मुख्य पथ से शहीद के घर तक जाने वाली सड़क की मरम्मती हुसैनाबाद के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मनोज कुमार महतो द्वारा करायी गयी. बताया गया कि मुलाकात के दौरान एसपी श्री माहथा ने शहीद के परिजनों को 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी.