– जांच प्रतिवेदन में बताया कि एक ही व्यक्ति का अंगूठा का निशान लगाया गया.
– बगैर काम कराये सामग्री मद में तीन लाख से अधिक रूपये की निकासी.
– मनरेगा की योजनाओं के क्रियान्नवयन में मनिका के मटलौंग से भी अधिक गड़बड़ी शिबला पंचायत में
सुनील कुमार@लातेहार
मनरेगा की योजनाओं के क्रियान्वयन में जिले के मनिका प्रखंड के मटलौंग पंचायत के बाद अब बालूमाथ प्रखंड के शिबला पंचायत में भी व्यापक गड़बड़ियां बरतने का मामला प्रकाश में आ रहा है. वित्तीय वर्ष 2010 से 2014-15 तक मनिका के विशुनबांध एवं मटलौंग में बगैर काम कराये करोड़ों रूपये की निकासी राजनीतिक दवाब में किया गया है. ठीक इसी प्रकार बालूमाथ प्रखंड में भी योजनाओं की क्रियान्वयन में अनियमितता बरतने का खुलासा हुआ है.
शिबला पंचायत के बेसरा ग्राम के बेसरा तालाब का जीर्णोद्धार कार्य मे बगैर काम कराये 4,63,000 रुपये निकासी कर ली गयी है. यह मामला तक पकड़ में आया जब मनरेगा लोकपाल डा. मुरारी झा ने दस्तावेजों को खंगाला. उक्त योजना के क्रियान्वयन के लिए कुल 8,52,000 रुपये की स्वीकृति तत्कालीन उपायुक्त ने ज्ञापांक 521 दिनांक 27.07.2010 के माध्यम से प्रखंड विकास पदाधिकारी बालुमाथ को दिया गया था.
तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी बालुमाथ ने उक्त जीर्णोद्धार कार्य में 52,321 रुपये सीमेंट, 2000 रुपये बालू तथा 26,208 रुपये पत्थर के मद में खर्च दिखाया. पुन: पक्का गार्डवाल निर्माण मद में उसी प्राक्कलित राशि से 5,85,600 रुपये मजदूरी मद में तथा 3,77,463 रुपये सामग्री मद में दिखाकर राशि की निकासी कर ली. लोकपाल ने जब मास्टर रॉल का मिलान एमआइएस रिर्पोट एवं मूल अभिलेख से किया तो चौकानें वाला तथ्य उजागर हुआ.
मास्टर रॉल संख्या 1694201, 1694202, 1694203, 1694204, 1694215, 1694216 व 1694218 मूल अभिलेख में नहीं पाया गया और इन सभी मजदूरों का अंगूठा का निशान एक जैसा पाया गया. फर्जी अंगूठा लगाकर कुल 58560 रुपये की अवैध निकासी की गयी.
गौरतलब है कि उक्त योजना में 16.05.2012 से 21.05.2012 तक कुल 118 मजदूरों को भुगतान किया गया है. मनरेगा लोकपाल ने उक्त योजना में फर्जी मास्टर रॉल के जरिये कुल 58560 रूपये, सामग्री मद्द में 377463 रुपये की अवैध निकासी किये जाने का मामला पकड़ा है. सामग्री सप्लाई में 17.05.2015 को बालू 9800 रुपये, बोल्डर 38800 रुपये, सीमेंट 89250 रुपये, चिप्स 3837 रुपये, बालू 4340 रूपये का सप्लाई दिखाकर राशि की भी निकासी कर ली गयी है, लेकिन मूल अभिलेख में इन सामग्रियों की क्रय से संबंधित कोई भी वाउचर संलग्न नहीं है.
उन्होंने मनरेगा आयुक्त ग्रामीण विकास झारखंड सरकार तथा जिला कार्यक्रम समन्वयक सह उप विकास आयुक्त लातेहार को अपनी अनुशंसा (रिर्पोट के साथ ) भेजकर बालुमाथ के तत्कालीन बीडीओ समेत शिबला के ग्राम रोजगार सेवक, पंचायत सेवक, मुखिया, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, कंप्यूटर ऑपरेटर पर मनरेगा के तहत कार्रवाई करने एवं गबन की राशि को वसूलने की अनुशंसा की है.