1.35 करोड़ खर्च के बावजूद नहीं बन पाया परता लघु नहर

हैदरनगर : उत्तर कोयल मुख्य नहर हुसैनाबाद अनुमंडल के मोहम्मदगंज भीम बराज से निकली है. मुख्य नहर के 21 आरडी से परता लघु नहर का निर्माण 22 वर्षों में भी पूरा नहीं हो सका, जबकि इस योजना पर अब तक 1 करोड़ 35 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. मालूम हो कि विधायक संजय कुमार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2018 1:22 AM

हैदरनगर : उत्तर कोयल मुख्य नहर हुसैनाबाद अनुमंडल के मोहम्मदगंज भीम बराज से निकली है. मुख्य नहर के 21 आरडी से परता लघु नहर का निर्माण 22 वर्षों में भी पूरा नहीं हो सका, जबकि इस योजना पर अब तक 1 करोड़ 35 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. मालूम हो कि विधायक संजय कुमार सिंह यादव ने वर्ष 2001 में परता लघु नहर निर्माण का पहली बार शिलान्यास किया था, तब किसानों की आस जगी थी कि अब उनके खेतों तक भी पानी जायेगा. उनकी स्थिति बदलेगी. उस समय इसके निर्माण के लिए 20 लाख रुपये की निविदा निकाली गयी थी.

वर्ष 2005 में कमलेश कुमार सिंह विधायक चुने गये. वह झारखंड के सिंचाई मंत्री थे. उन्होंने 45 लाख रुपये की लागत से परता लघु नहर के निर्माण की निविदा निकलवायी. उन्होंने कार्य स्थल पर 2006 में शिलान्यास भी किया. 45 लाख रुपये से नहर की खुदाई तो हुई, मगर पानी नहीं पहुंचा. पुनः 2009 में संजय कुमार सिंह यादव को जनता ने विधानसभा भेजा. उन्होंने भी परता लघु नहर की निविदा निकलवायी. लागत 70 लाख रुपये थी. 2011 में नहर का निर्माण सिर्फ 15 सौ फिट तक ही हो पाया. साथ ही विभिन्न जगहों पर पुलिया का निर्माण कर कार्य संपन्न हो हुआ. परता के किसानों के खेत प्यासे ही रह गये. किसानों ने बताया कि यह योजना शुरू से ही लूट खसोट का श्रोत बनती रही. किसी दल की सरकार या जन प्रतिनिधि ने ईमानदारी के साथ प्रयास नहीं किया. उन्होंने बताया कि इसके निर्माण हो जाने से तीन पंचायत की पांच हजार एकड़ भूमि सिंचित होती. फिलहाल करीब डेढ़ सौ एकड़ में सिंचाई होती है. उन्होंने बताया कि किसानों के लिए इसके अलावा अन्य कोई साधन भी नहीं है.

दो पंचायतों के पंचायत समिति सदस्यों रामप्रवेश सिंह व विजय कुशवाहा ने बताया कि किसानों व इससे जुड़े जनप्रतिनिधियों ने जल पथ प्रमंडल मेदिनीनगर के कार्यपालक अभियंता के साथ कई सिंचाई मंत्रियों व उपायुक्त से मिलकर लघु नहर का निर्माण पूरा कराने की मांग की. मगर अबतक स्थिति जस की तस है. जबकि निर्माण कराने में किसी तरह की बाधा भी नहीं है. प्राक्कलन के अनुसार कार्य होता हो रामबांध, परता, खरगड़ा पंचायत के अधिकांश खेतों तक पानी मिल पहुंच सकता था.

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