भविष्य के लिए पर्यावरण धर्म अपनायें
मेदिनीनगर : विश्व व्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के केंद्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्म व वनराखी मुवमेंट के प्रणेता कौशल किशोर जायसवाल ने कर्नाटक के पांच जिलों में जाकर लोगों को पर्यावरण प्रदूषण की विभीषिका के बारे में जानकारी देते हुए इसकी रोकथाम के प्रति जागरूक किया. कहा कि पर्यावरण का संरक्षण आने वाले भविष्य के […]
मेदिनीनगर : विश्व व्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के केंद्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्म व वनराखी मुवमेंट के प्रणेता कौशल किशोर जायसवाल ने कर्नाटक के पांच जिलों में जाकर लोगों को पर्यावरण प्रदूषण की विभीषिका के बारे में जानकारी देते हुए इसकी रोकथाम के प्रति जागरूक किया. कहा कि पर्यावरण का संरक्षण आने वाले भविष्य के लिए जरूरी है.
देश ,समाज और प्राकृतिक से वास्ता रखने वाले प्रेमियों को इसे बचाने के लिए मुहिम मे शामिल होकर काम करने का आवाह्न किया. पर्यावरणविद श्री जायसवाल ने बेंगलुरू के मैसूर वनक्षेत्र, एसजेपी हाई स्कूल व कॉलेज, उतरी उटसू मारंग फली में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को पर्यावरण धर्म का शपथ दिलाते हुए कहा कि जिस तरह आज लोग पानी के लिए तरस रहे हैं, वह दिन दूर नहीं जब लोगों को शुद्ध हवा अॉक्सीजन के लिए भटकना पड़ेगा. दिल्ली की जो आज स्थिति है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है.
यदि हम सचेत नहीं हुए तो आने वाला कल भयावह होगा. श्री जायसवाल ने बच्चों को पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्रों का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि उनके द्वारा निःशुल्क पौधा वितरण सह रोपन के 52 वां साल है. वनराखी मूवमेंट 42 वा वर्ष पूरा होने के उपरांत प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी नेपाल भूटान समेत देश के छह राज्यों में अभियान चलाकर दो लाख निःशुल्क पौधा वितरण सह रोपण के साथ वनों पर रक्षाबंधन और पर्यावरण धर्म पर गोष्ठी के आयोजन करने का निर्णय लिया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रीयर सुबरनामा और संचालन चलुआ राज ने किया.