पत्थर खदान में वाहनों के जलाये जाने का मामला, लिंक की तलाश में जुटी पुलिस
रविवार की रात जिस घटना को अंजाम दिया है, उसका उदभेदन हो. इसमें पुलिस पूरी सक्रियता के साथ जुट गयी है. प्रारंभिक अनुसंधान के क्रम में पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक इस घटना में अपराधी गिरोह का हाथ है. जिनका संबंध बिहार के गया जिले के डुमरिया थाना क्षेत्र से है. मननदोहर […]
रविवार की रात जिस घटना को अंजाम दिया है, उसका उदभेदन हो. इसमें पुलिस पूरी सक्रियता के साथ जुट गयी है. प्रारंभिक अनुसंधान के क्रम में पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक इस घटना में अपराधी गिरोह का हाथ है. जिनका संबंध बिहार के गया जिले के डुमरिया थाना क्षेत्र से है. मननदोहर से डुमरिया की दूरी लगभग दो किलोमीटर है.घटना को अंजाम देने आये लोगों के पास कोई घातक या बड़ा हथियार नहीं था. लेकिन इस पूरे मामले में लोकल लिंक के होने की संभावना है.
पुलिस इसकी पड़ताल में जुटी है कि आखिर लोकल लिंक कहा है. कौन लोग है, जो अापराधिक गिरोह आरसीसी के संपर्क में है. पलामू पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा की माने तो जल्द ही इस पूरे मामले का उदभेदन हो जायेगा. क्योंकि जो अब तक सूचना मिली है, उसके मुताबिक अपराधी डुमरिया से आये थे. घटना की रात पुलिस भी उस इलाके में गयी थी.
इलाका सुनसान है. आबादी नहीं है. फिर भी अपराधी जरूर किसी न किसी स्थानीय व्यक्ति के टच में होंगे, जिनके द्वारा सूचना का अदान-प्रदान किया जा रहा होगा. पुलिस मामले में तकनीकी अनुसंधान भी कर रही है. अब तक के जो बातें आयी है, उसके मुताबिक यह मामला विशुद्ध रूप से लेवी से जुड़ा हुआ है. क्योंकि वैसे इलाके जो पहले नक्सल प्रभावित क्षेत्र थे. वैसे इलाकों में जब नक्सल का प्रभाव समाप्त हो रहा है, तो वैसे इलाकों में अापराधिक गिरोह का उदय हो रहा है.
चूंकि पूर्व में नक्सलियों की दबिश के कारण अपराधी सक्रिय नहीं हो पाते थे. इसलिए नक्सलियों का प्रभाव रहता था. अब उन इलाकों में अपराधी अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहते है. इसलिए इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया है. एसपी श्री माहथा ने कहा कि पलामू के जो इलाके बिहार की सीमा पर स्थित है, उन इलाकों में चौकसी बढ़ायी जायेगी. जल्द ही इस पूरे मामले का उदभेदन होगा. गिरोह बनाकर घटनाओं को अंजाम देने की प्रवृति है, उस पर भी नजर रखते हुए इसमें शामिल लोगों को जल्द ही पकड़ा जायेगा.
लीज के पहले पुलिस से भी लिया जाये मतंव्य
छतरपुर का इलाका इन दिनों क्रशर व पहाड़ के लीज के मामले को लेकर चर्चा में रहता है. अब वैसे इलाके जहां पूर्व में नक्सलियों का प्रभाव था. जंगल, पहाड़ थे तब चाह कर भी लोग लीज नहीं करा पाते थे. अब जबकि नक्सलियों का प्रभाव खत्म हुआ, खदान शुरू हुए तो समस्या सुरक्षा को लेकर उत्पन्न हो रही है. क्योंकि आये दिन खदानों पर हमला, मारपीट जैसी घटनाएं होती है.
पलामू पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा भी इस बात से पूरी तरह सहमत है. उनका कहना है कि निश्चित तौर पर पुलिस के समक्ष यह चुनौती है. लेकिन इसके साथ-साथ इस पहलू पर भी गौर करने की जरूरत है कि वैसे इलाके जो पहले कभी नक्सल से प्रभावित रहे हैं. उन इलाकों में यदि लीज दिया जा रहा है, तो सुरक्षा के दृष्टिकोण से वहा काम करना उचित होगा या नहीं. इसे लेकर पुलिस से भी मतंव्य लिया जाना चाहिए.
पूर्व में भी नक्सली कर चुके हैं हमला
मननदोहर गांव में जिस माइंस पर रविवार की रात हमला किया गया, वह माइंस पलामू के पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह व शंभु साव का बताया जा रहा है. पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष विनोद सिंह के संस्थान पर इसके पहले भी नक्सली हमला कर चुके हैं. क्रशर में तोड़फोड़, बीएड कॉलेज को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया था. नक्सलियों के निशाने पर पहले भी श्री सिंह रहे हैं.
मननदोहर की घटना को लेकर इलाके में दहशत है. हालांकि रविवार को घटना की सूचना मिलने के तत्काल बाद छतरपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शंभु सिंह, थाना प्रभारी सपन कुमार महतो मौके पर पहुंच चुके थे. उनलोगों को जांच के क्रम में जो जानकारी मिली, उसके अनुसार अपराधी पूरी तरह से यह मन बनाकर आये थे कि आज घटना को अंजाम देना है.
क्योंकि वे लोग पेट्रोल में साथ में लाये थे. पूर्व में लेवी की मांग की गयी थी. नहीं मिलने से अपराधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. सोमवार को इस मामले को लेकर पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने नौडीहा थाना में पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की.