बिजली दर बढ़ाने से पहले विद्युत आपूर्ति हो नियमित
मेदिनीनगर : बुधवार को पंडित दीनदयाल स्मृति नगर भवन में विद्युत नियामक आयोग द्वारा जनसुनवाई का आयोजन किया गया. इस जनसुनवाई में वर्ष- 2019-20 के लिए बिजली दर के निर्धारण पर लोगों की राय ली गयी. जन सुनवाई में जो बात उभरकर सामने आयी, उसके मुताबिक लोगों की राय यह थी कि बिजली दर बढ़ाने […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
February 7, 2019 5:03 AM
मेदिनीनगर : बुधवार को पंडित दीनदयाल स्मृति नगर भवन में विद्युत नियामक आयोग द्वारा जनसुनवाई का आयोजन किया गया. इस जनसुनवाई में वर्ष- 2019-20 के लिए बिजली दर के निर्धारण पर लोगों की राय ली गयी. जन सुनवाई में जो बात उभरकर सामने आयी, उसके मुताबिक लोगों की राय यह थी कि बिजली दर बढ़ाने से पहले नियमित बिजली आपूर्ति पर ध्यान दिया जाये. क्योंकि बिजली नियमित मिलती नहीं और साल दर साल बिजली के दरों में वृद्धि हो रही है.
यह किसी भी दृष्टिकोण से न्यायसंगत नहीं है. दर में वृद्धि से पहले सेवा में सुधार की जरूरत है. जब नियमित बिजली मिलेगी तो उनलोगों को जरूरत के अनुसार बढ़ी हुई दर देने में भी कही से कोई परेशानी नहीं है. इस जनसुनवाई में आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद व सचिव एके मेहता ने भाग लिया. आयोग के अध्यक्ष डॉ प्रसाद ने जनसुनवाई के आयोजन के औचित्य पर विस्तार से प्रकाश डाला.
उन्हाेंने कहा कि बिजली दरों में वृद्धि का जो प्रस्ताव है उसमें आमजनों की राय लेने के बाद ही अंतिम रूप दिया जाता है. झारखंड में वर्ष-2019-20 के लिए बिजली की दर क्या हो इसे लेकर राज्य के सभी प्रमंडलीय मुख्यालयों में जनसुनवाई का आयोजन होना है. प्रथम चरण में पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में यह आयोजन किया गया है. इसके बाद दुमका, हजारीबाग, रांची और चाईबासा में जनसुनवाई होना है.
उन्होंने कहा कि आमजनों की जो भी भागवना है उससे विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया जायेगा. कोशिश की जायेगी कि उपभोक्ताओं की हितों की हरहाल में रक्षा हो. यदि उपभोक्ता बिजली बिल का भुगतान समय पर कर रहे हैं तो उन्हें गुणवत्ता युक्त बिजली मिलनी ही चाहिए. क्योंकि बेहतर सुविधा प्राप्त करना हर उपभोक्ता का अधिकार है. उन्होंने कहा कि बिजली बिल का नियमित भुगतान करते रहे. किसी भी परिस्थिति में रोके नहीं है. क्योंकि बिल नियमित रूप से जमा नहीं होने के कारण बोर्ड पर भी दबाव पड़ता है और बिजली कनेक्शन कटने के बाद फिर से उसे जुड़वाने में भी कई तरह की परेशानियां आती है. मौके पर आयोग के तकनीकी सदस्य रवींद्रनारायण सिंह, विधि अधिकारी राजेंद्र प्रसाद नायक, परशुराम ओझा, अचुत्यानंद पांडेय सहित आयोग के सलाहकार व अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.