चैनपुर (पलामू ) : शाहपुर-गढ़वा मुख्य मार्ग पर शनिवार की रात ट्रक के धक्के से घायल तालापारा के अजीत चौरसिया की मौत रिम्स ले जाने के दौरान कुडू में हो गयी.
वहीं, मृतक के बड़े भाई अरुण कुमार चौरसिया व अन्य ग्रामीणों ने ट्रक चालक का पीछा करते हुए मेदिनीनगर के सद्दीक चौक के पास पकड़ लिया. विधायक आलोक चौरसिया की पहल पर पुलिस ने अरुण को छोड़ा. इस प्रकरण में कई घंटे बीत गये और अजीत के इलाज में देर हो गयी. इस कारण उसकी मौत हो गयी.
ग्रामीणों के अनुसार, अरुण के पास ही अजीत के इलाज के पैसे थे. वहीं, अजीत की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार की सुबह करीब पांच बजे से दिन के 11 बजे तक शाहपुर – गढ़वा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी जाम स्थल पर पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली. इस घटना में पुलिस की भूमिका के बारे में जब उन्हें लोगों ने बताया तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया. कहा कि हाइवे पर लोगों को सुरक्षा देने के लिए ही पुलिस की ड्यूटी लगायी गयी है.
उन्होंने इस मामले में पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा से बात की. उन्होंने एसपी से दोषी लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की. परिजन और ग्रामीण मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी, दस लाख मुआवजा देने और अरुण की पिटाई करनेवाले दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे. डीएसपी सुरजीत कुमार, बीडीओ अलका कुमारी के आश्वासन के बाद लोग मान गये और सड़क जाम समाप्त कर दी.
विधायक की पहल पर पुलिस ने परिजनों को छोड़ा
पुलिस की मनमानी : ग्रामीण विनय चौरसिया एवं सुभाष चौरसिया ने बताया कि भाग रहे ट्रक का पीछा करते हुए वे लोग रास्ते में गांधीपुर के पास पीसीआर वैन को भी ट्रक रोकने को कहा, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की. वहीं जब उन लोगों ने सद्दीक चौक के पास ट्रक को पकड़ा, तो पुलिस ने बिना बात समझे हम लोग की पिटाई कर दी. डीएसपी श्री कुमार ने उन्हें आश्वस्त कराया कि इस मामले में जो दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.