अॉनलाइन जुआ व सट्टा खेलाने वाले गिरोह के 13 सदस्य गिरफ्तार
नौ कंप्यूटर सेट, सिम लगे 30 मोबाइल अौर पांच लैपटॉप जब्त, मास्टरमाइंड पुलिस की गिरफ्त से बाहर
मेदिनीनगर.
पुलिस ने सदर थाना क्षेत्र के चियांकी स्थित राधिका भवन निवास से अॉनलाइन जुआ व सट्टा संचालित करने वाले गिरोह के 13 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से नौ कंप्यूटर सेट, 30 मोबाइल व पांच लैपटॉप बरामद किया गया है. गिरोह के सदस्य कंप्यूटर व लैपटॉप के माध्यम से ऑनलाइन प्रतिदिन करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन करते थे. इस गिरोह का मास्टर माइंड पुलिस की पकड़ से बाहर है. वह रांची का रहने वाला है. यह जानकारी शनिवार को पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने प्रेस कांफ्रेंस में दी. एसपी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में चतरा का मुकेश कुमार, रांची के अरगोड़ा के आनंद कुमार व अमित कुमार, रांची के रातू का रोहित कुमार सोनी, रामगढ़ का राजेश कुमार, बिहार के सीवान जिला का ऋषि राज सिंह, उत्तर प्रदेश के देवरिया का अविनाश कुमार, हजारीबाग का सुशील कुमार सोनी, विकास कुमार महतो, पिंटू कुमार, मनीष कुमार, नीरज कुमार व पलामू के विकास कुमार प्रजापति शामिल हैं. छापामारी में सदर थाना प्रभारी उत्तम कुमार राय, पुलिस अवर निरीक्षक श्याम जय कुमार सिंह, सहायक अवर निरीक्षक नबी अंसारी, हवलदार कार्तिक उरांव, आरक्षी मुन्ना कुमार, हृदयानंद, निरंजन कुमार व गोरख मेहता शामिल थे.यूपीआइ के माध्यम से होता था करोड़ों का लेनदेन
एसपी ने बताया कि सभी ऑनलाइन जुआ व सट्टा का धंधा करते थे. इसके लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था. इससे जोड़ने के लिए हाय करके मैसेज भेजा जाता था. इसके बाद इच्छुक लोग ग्रुप से जुड़ते थे. जिनसे यूपीआइ के माध्यम से पैसे की मांग की जाती थी. इसके लिए एक यूजर आइडी दिया जाता था. एसपी ने बताया कि यूपीए के माध्यम से प्रतिदिन करोड़ों रुपये का आदान-प्रदान किया जाता था. गिरोह के मास्टरमाइंड द्वारा सदस्यों को 15 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाता था. सदस्य प्रतिदिन का हिसाब रखते थे. गिरोह द्वारा पलामू में पिछले एक माह से जुआ व सट्टा का धंधा चलाया जा रहा था. जबकि झारखंड में इस धंधे के लिए लाइसेंस नहीं मिलता है. एसपी ने बताया कि फॉरेंसिक जांच के बाद पता चलेगा कि कितने लोग इस धंधा में शामिल है और कितने रुपये का लेनदेन हुआ है. उन्होने बताया कि एक आरोपी परीक्षा देने आया था. वह नौकरी की लालच में इस धंधे में शामिल हो गया. इस धंधे में वाहन सुविधा देने वाली कंपनियों के चालक भी शामिल हैं.बरामद सामान : विभिन्न कंपनी का सिम कार्ड लगा हुआ 30 मोबाइल, पांच लैपटॉप, नौ मॉनिटर, नौ सीपीयू, नौ कीबोर्ड, नौ माउस, नौ यूपीएस, नौ पीस राउटर, वायर का सेट व पांच सिम कार्ड.