सुलभ न्याय दिलाना ही लोक अदालत का उद्देश्य
मेदिनीनगर : शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने लोक अदालत का आयोजन कर 140 मामलों का निष्पादन किया. लोक अदालत की अध्यक्षता प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष विजय कुमार ने की. लोक अदालत में मामलों के निष्पादन के दौरान 4 लाख 62 हजार, […]
मेदिनीनगर : शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने लोक अदालत का आयोजन कर 140 मामलों का निष्पादन किया. लोक अदालत की अध्यक्षता प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष विजय कुमार ने की. लोक अदालत में मामलों के निष्पादन के दौरान 4 लाख 62 हजार, 277 रुपये का सेटलमेंट किया गया.
मौके पर पीडीजे ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से मामलों का निष्पादन सुलभ तरीके से बिना किसी खर्च के आसानी से हो सकता है. इससे समय की बचत होती है. वहीं दूसरी ओर पक्षकारों के बीच भाईचारगी बनी रहती है. लोक अदालत के माध्यम से निष्पादित मामलों में कहीं अपील नहीं होता है.
पीडीजे ने कहा कि इस प्रकार से दोनों पक्षकार संतुष्ठ होकर जाते हैं और किसी भी पक्षकार की जीत अथवा हार नहीं होती है. इस संबंध में प्राधिकार के सचिव प्रफ्फुल कुमार ने बताया कि लोक अदालत में मामलों के निष्पादन के लिए सात पीठों का गठन किया गया था. लोक अदालत में बिजली विभाग के चार मामलों में 66 हजार रुपये की वसूली की गयी.
आपराधिक श्रेणी के 64 मामलों में उत्पाद विभाग के 54 मामलों में दो लाख 63 हजार 500 व वन विभाग के 6 मामलों में 59 हजार रुपये राजस्व की वसूली की गयी. जीआर के चार मामले भी निष्पादित किये गये. बीएसएनएल के 13 मामलों में 59 हजार 777 रुपये की वसूली की गयी. अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से 107 सीआरपीसी के 55 मामले निष्पादित किये गये. रेलवे के चार मामलों में 4000 रुपये अर्थदंड की वसूली की गयी.
मौके पर कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश बंशीधर तिवारी, जिला जज डीके पाठक, आनंद प्रकाश, शत्रुंजय कुमार सिंह, न्यायिक पदाधिकारी संजय कुमार चौधरी, आसिफ इकबाल, अशोक कुमार, विक्रांत रंजन, रोहित कुमार, राजेंद्र प्रसाद, दीपक कुमार, मनोज कुमार सहित काफी संख्या में अधिवक्ता व वादकारी मौजूद थे.