100 घरों में शौचालय नहीं, पंचायत हो गयी ओडीएफ
मामले का खुलासा होने के बाद बीडीओ ने कहा करायेंगे मामले की जांच मेदिनीनगर : पलामू के चैनपुर प्रखंड के बोड़ी गांव के लोग आज भी खुले में शौच से मुक्त नहीं हो पाये हैं. हैरत की बात है कि गांव के कई लोगों के नाम पर शौचालय का आवंटन कर दिया गया है और […]
मामले का खुलासा होने के बाद बीडीओ ने कहा करायेंगे मामले की जांच
मेदिनीनगर : पलामू के चैनपुर प्रखंड के बोड़ी गांव के लोग आज भी खुले में शौच से मुक्त नहीं हो पाये हैं. हैरत की बात है कि गांव के कई लोगों के नाम पर शौचालय का आवंटन कर दिया गया है और कागजी तौर पर उनके घर में शौचालय का निर्माण भी हो चुका. पर जमीनी हकीकत यह है कि आज तक गांव के लोग शौचालय निर्माण के लिए भटक रहे हैं.
गुरुवार को बोड़ी गांव के ग्रामीण अपनी शिकायत दर्ज करने पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर पहुंचे. वह उपायुक्त से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहते थे, लेकिन उपायुक्त से मुलाकात नहीं हो सकी. उनलोगों ने मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है.
बोड़ी गांव चैनपुर प्रखंड की परिधि में आता है. जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से इस गांव की दूरी लगभग 25 किलोमीटर है. ग्रामीण मनउव्वर अंसारी, धर्मेंद्र पासवान, उमेश पासवान, निरंजन सिंह, चंदरी कुंवर, लक्ष्मण महतो आदि ने बताया कि उनलोगों के नाम पर शौचालय निर्माण की स्वीकृति मिली है. जब गांव में अन्य लोगों का शौचालय बनने लगा और उनलोगों को जब शौचालय नहीं मिला तो वे लोग पहले मुखिया के पास गये. मुखिया खलील मियां ने कहा कि सबके घर में शौचालय बन जायेगा. मुखिया की बात मानकर वे लोग चुप हो गये. लेकिन उसके बाद भी काम नहीं हुआ.
सप्लायर के माध्यम से हुआ था कार्य : खुले में शौच से मुक्त पंचायत का लक्ष्य शीघ्र पूरा हो इसके लिए मनरेगा के तहत शौचालय निर्माण का आवंटन किया गया था. इसकी जिम्मेवारी सप्लायर संतोष बैठा को दी गयी थी. सप्लायर द्वारा ही गड़बड़ी किये जाने की बात सामने आ रही है. मालूम हो कि इसके पूर्व स्वच्छता अभियान में गड़बड़ी करने के मामले में चैनपुर में एक सप्लायर के खिलाफ बीडीओ द्वारा मामला दर्ज कराया गया था. इसके बाद उसके खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की थी.