जिला बनने के 133 वर्ष बाद भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा पलामू : मोर्चा
पलामू जिले का 133वां स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार को बेरोजगार संघर्ष मोर्चा के जिला कार्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया.
मेदिनीनगर. पलामू जिले का 133वां स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार को बेरोजगार संघर्ष मोर्चा के जिला कार्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता मोर्चा अध्यक्ष उदय राम ने की व संचालन संजय कुमार ने किया. मोर्चा अध्यक्ष श्री राम ने कहा कि पलामू जिला की स्थापना एक जनवरी 1892 को हुई थी. स्थापना के 133 वर्ष पूरे हो गये, लेकिन पलामू का विकास नहीं हो पाया. पलामू आज भी अकाल, सुखाड़ से प्रभावित क्षेत्र है. साथ ही पलायन के नाम से जाना जाता है. पलामू गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, कुपोषण से ग्रसित है. जिले से प्रतिवर्ष काम की तलाश में मजदूर व बेरोजगार का पलायन कर अन्य राज्यों में जाते हैं. जिला में शिक्षा, चिकित्सा व सिंचाई का घोर अभाव है. उन्होंने कहा कि पलामू जिला में 13 वृहत सिंचाई योजना है. 500 लिफ्ट एरिगेशन, पांच हजार तालाब व नदी नाले, 10 हजार सिंचाई कूप की व्यवस्था है. लेकिन सभी मृतप्राय है. सांसद, विधायक व जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण पलामू का विकास नहीं हो पा रहा है. यही कारण हैं की नीति आयोग के डेल्टा रैंकिंग में पलामू को 104 वां स्थान दिया था, जबकि पलामू जिला आकांक्षी जिला में शामिल है. इसके बाद भी विकास का काम धरातल पर नहीं उतरा. श्री राम ने कहा कि शासन व प्रशासन में बैठे लोगो को इसके प्रति गंभीर होना चाहिए, ताकि पलामू की जनता को भूख, अकाल, सुखाड़ व बेरोजगारी से मुक्ति मिल सके. पलामू में सिंचाई एवं बिजली की समुचित व्यवस्था देकर यहां की बदहाली को दूर किया जा सकता है. चिकित्सा व शिक्षा के क्षेत्र में गंभीरतापूर्वक कार्य करने की जरूरत है. संजय कुमार ने कहा कि पलामू में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. मौके पर सूरज कुमार, यशवंत कुमार, दीपक कुमार, सत्यम कुमार, अभिषेक कुमार, संजीत कुमार, शनि कुमार सहित कई लोग मौजूद थे.
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