विधानसभा चुनाव 2019 : एनसीपी ने किया झारखंड की 30 सीट पर उम्मीदवार उतारने का एलान
पलामू : झारखंड की 30 विधानसभा सीट पर एनसीपी का चुनाव लड़ना तय है. केंद्रीय नेतृत्व से बात हो चुकी है. जल्द ही इसे अंतिम रूप दे दिया जायेगा. उक्त बातें शनिवार को हुसैनाबाद स्थित अपने आवासीय कार्यालय में प्रदेश के पूर्व मंत्री सह एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह ने कहीं. संवाददाता सम्मेलन […]
पलामू : झारखंड की 30 विधानसभा सीट पर एनसीपी का चुनाव लड़ना तय है. केंद्रीय नेतृत्व से बात हो चुकी है. जल्द ही इसे अंतिम रूप दे दिया जायेगा. उक्त बातें शनिवार को हुसैनाबाद स्थित अपने आवासीय कार्यालय में प्रदेश के पूर्व मंत्री सह एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह ने कहीं.
संवाददाता सम्मेलन बुलाकर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बेरतर प्रदर्शन से पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है. केंद्रीय नेतृत्व भी झारखंड में अधिक से अधिक विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी देने के प्रति गंभीर है. उन्होंने कहा कि झारखंड में विपक्षी पार्टियों कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी समेत अन्य सेकुलर विचारधारा वाली पार्टियों के नेताओं से बात चल रही है.
श्री सिंह ने कहा कि गठबंधन हुआ, तो एनसीपी 10 सीट पर प्रत्याशी उतारेगी. यदि किसी वजह से पेंच फसता है, तो पार्टी का 25 से 30 सीट पर चुनाव लड़ना तय है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में 30 अक्टूबर को दिल्ली में केंद्रीय नेताओं के साथ उनकी बैठक है. बैठक में प्रत्याशियों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी जायेगी.
उन्होंने कहा कि झारखंड के हुसैनाबाद, डाल्टनगंज, गोड्डा, महगामा, पाकुड़, साहेबगंज, गिरिडीह, जमशेदपुर, छतरपुर, हटिया, तमाड़, कोडरमा, धनबाद, चतरा समेत अन्य कई सीटें शामिल हैं. उन्होंने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार से झारखंड की जनता त्रस्त है. जनता की समस्याओं के समाधान पर सरकार का रवैया नकारात्मक रहा है. लोगों की रोजी-रोटी पर आफत है. राज्य में एक भी उद्योग नहीं लगा.
कमलेश सिंह ने कहा कि जमशेदपुर समेत अन्य जगहों के कई छोटे-छोटे कारखाने बंद हो गये. इससे राज्य में बेरोजगारी की समस्या बढ़ गयी है. मुख्यमंत्री जन आशीर्वाद यात्रा कर जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड की बहाली में बाहर के लोगों को भरा गया. इसे राज्य के युवा बर्दाश्त नहीं करेंगे.
एनसीपी नेता ने कहा कि भाजपा को इस चुनाव में राज्य की जनता सबक सिखाने का मूड बना चुकी है. कुछ नेताओं ने पिछले दिनों भाजपा का दामन थामा. उन्होंने अपने पांव पर खुद कुल्हाड़ी मारी है. जनता उन्हें भी जवाब देगी. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि एनसीपी राष्ट्रीय पार्टी है. पार्टी का संगठन राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में है. कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह भी है.
उन्होंने यह भी साफ किया कि एनसीपी अलग चुनाव लड़ने के बावजूद महागठबंधन का हिस्सा ही रहेगी. उन्होंने कहा कि एनसीपी जात-पांत, संप्रदाय, क्षेत्रवाद पर विश्वास नहीं करती. पार्टी का एक मकसद लोगों के जीवन स्तर में सुधार और क्षेत्र का विकास करना है. राष्ट्रीय व राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर पार्टी लगातार सक्रिय रही है.
ये होंगे एनसीपी के चुनावी मुद्दे
श्री सिंह ने कहा कि राज्य की बेरोजगारी, पारा शिक्षकों, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, स्वस्थ्य और जल सहिया की समस्याओं से पार्टी भली भांति अवगत है. उनके हित के लिए हरसंभव काम करेगी. राज्य में शांति और खुशहाली लाना, सभी गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना, पंचायतों में अच्छा विद्यालय, प्रखंड स्तर पर कॉलेज, अनुमंडल स्तर पर तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था, अनुमंडल और जिला स्तर पर खेल स्टेडियम, सिंचाई के साधन उपलब्ध कराना और युवक युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराना पार्टी का मुख्य उद्देश्य होगा.
तैयार हो रहा है चुनावी घोषणा पत्र
कमलेश सिंह ने कहा कि राज्य का चुनावी घोषणा पत्र बनाने के लिए पार्टी विभिन्न क्षेत्रों की जनता की राय ले रही है. दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर सभी जाति के लोगों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति को दुरुस्त करना पार्टी की प्राथमिकता में शामिल है.संवाददाता सम्मेलन में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मन्नान खान, पार्टी के पलामू जिला अध्यक्ष अजित सिंह के अलावा मनदीप राम, राजकुमार ठाकुर, विजय राजवंशी, बुधन राम, श्यामबिहारी मेहता, सत्यनारायण यादव समेत कई नेता शामिल थे.