छतरपुर : अवैध शराब लदी पिकअप के साथ एक गिरफ्तार

राजीव सिन्‍हा, छतरपुर (पलामू) झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर गठित एसएसटी टीम में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी राजू पासवान के द्वारा बीती रात 252 कार्टून देशी शराब लदा पिकअप बीआर 26जीए 7162 के साथ एक युवक को पकड़ा है. उक्त आशय की जानकारी देते हुए थाना प्रभारी वासुदेव मुंडा ने बताया कि मेदिनीनगर-छत्तरपुर मार्ग एनएच-98 पर शिव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2019 10:13 PM

राजीव सिन्‍हा, छतरपुर (पलामू)

झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर गठित एसएसटी टीम में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी राजू पासवान के द्वारा बीती रात 252 कार्टून देशी शराब लदा पिकअप बीआर 26जीए 7162 के साथ एक युवक को पकड़ा है. उक्त आशय की जानकारी देते हुए थाना प्रभारी वासुदेव मुंडा ने बताया कि मेदिनीनगर-छत्तरपुर मार्ग एनएच-98 पर शिव शक्ति लाइन होटल के समीप बनी चेकपोस्ट पर वाहनों की जांच की जा रही थी.

इसी दौरान डालटनगंज की ओर से उक्त पिकअप तेज रफ्तार में आ रही थी, जिसे चेकपोस्ट पर तैनात जवानों ने रोकने का इशारा किया. इसपर उक्त वाहन के चालक ने तेज रफ्तार से गाड़ी भगाने का प्रयास किया. जिस पर चेकपोस्ट पर तैनात जवानों ने बैरियर लगाकर पिकअप को रोक लिया. अंधेरे का लाभ उठाकर चालक व एक अन्य व्यक्ति फरार हो गये, जबकि औरंगाबाद के भारथौली निवासी सिकंदर कुमार प्रजापति को गिरफ्तार किया गया.

उक्त वाहन की गहन जांच की गयी तो उसपर देशी शराब की 252 कार्टन मिली. प्रत्येक कार्टन में तीन सौ मिलीलीटर की पच्चीस बोतल थी जो कुल 6300 बोतल हुई. थाना प्रभारी मुंडा ने बताया कि वाहन की जांच के दौरान चालक सहेंद्र प्रजापति का ड्राइविंग लाइसेंस व झारखंड स्टेट वेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड पलामू डिपो की कागजात मिली, जिसपर उक्त पिकअप का नंबर अंकित के साथ वीयर, रम व व्हिस्की परिचालन करने का परमिट लिखा था.

जिसके आधार पर दंडाधिकारी के द्वारा वाहन मालिक, शराब तस्कर, औरंगाबाद के सुसानारपो निवासी वाहन चालक सहेंद्र प्रजापति व पकड़े गये सिकंदर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया और पकड़े गए युवक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

कैसे होती है शराब की तस्करी

झारखंड से बिहार बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी की जा रही है. इससे जुड़े एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आवंटित दुकानों में सीसीटीवी कैमरा लग जाने के कारण दुकान से भारी मात्रा में शराब नहीं बेची जा सकती. इसलिए तस्करों के द्वारा शराब के लीजधारकों से मिलकर डिपो से अधिक शराब उठाते हैं, जिसका पैसा तस्कर ही अदा करते हैं व डिपो से शराब की गाड़ी निकलने के बाद लीजधारकों की शराब दुकान चली जाती है और तस्करों के द्वारा लिजधारियों के माध्यम से उठायी गयी अधिक शराब को बड़े आराम से बिहार ले जाकर तस्करी कर देते हैं.

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