विकास किया है इसलिए बार-बार चुनाव जीतता हूं : रामचंद्र चंद्रवंशी
मिथिलेश झा/अमलेश नंदन सिन्हा संयुक्त बिहार में 13 साल तक नाजिर की नौकरी करने के बाद राजनीति में आये रामचंद्र चंद्रवंशी चार बार बिश्रामपुर के विधायक बने. दो बार मंत्री रहे. एक बार संयुक्त बिहार में और एक बार झारखंड में. श्री चंद्रवंशी एक ट्रस्ट के जरिये लगभग दो दर्जन शिक्षण संस्थान चलाते हैं. बीएड […]
मिथिलेश झा/अमलेश नंदन सिन्हा
संयुक्त बिहार में 13 साल तक नाजिर की नौकरी करने के बाद राजनीति में आये रामचंद्र चंद्रवंशी चार बार बिश्रामपुर के विधायक बने. दो बार मंत्री रहे. एक बार संयुक्त बिहार में और एक बार झारखंड में. श्री चंद्रवंशी एक ट्रस्ट के जरिये लगभग दो दर्जन शिक्षण संस्थान चलाते हैं. बीएड कॉलेज से लेकर डिग्री कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक का संचालन कर रहे हैं. बिश्रामपुर से लगातार 10 साल से विधायक हैं. रघुवर दास की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे. इनका दावा है कि इन्होंने अपने कार्यकाल में झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को काफी हद तक सुधार दिया है. कुछ काम बाकी रह गये हैं. चुनाव जीतने के बाद उन्हें फिर से स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया, तो वह उन अधूरे कामों को पूरा करेंगे.
श्री चंद्रवंशी को भरोसा है कि बिश्रामपुर की जनता उन्हें जरूर फिर से विधानसभा भेजेगी. निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि विरोधी उनके ऊपर तमाम आरोप लगाते हैं, लेकिन उनके मन में किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है. यहां तक कि उनके प्रतिद्वंद्वी के प्रति भी नहीं. वह भाजपा के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्रधांत का पालन करते हुए बढ़ रहे हैं और किसी से उनकी कोई दुश्मनी नहीं है. उन्होंने क्षेत्र में जो विकास कार्य किये हैं, उससे जनता खुश है और लोग एक बार फिर उन्हें विधानसभा जरूर भेजेंगे. निवर्तमान मंत्री कहते हैं कि सिंचाई की व्यवस्था नहीं हो पायी है. अपने अगले कार्यकाल में वह इस कमी को दूर कर देंगे.
रामचंद्र चंद्रवंशी ने विधानसभा चुनाव के विभिन्न मुद्दों पर पलामू जिला के बिश्रामपुर स्थित उनके यूनिवर्सिटी में prabhatkhabar.com (प्रभातखबर.कॉम) की टीम से खुलकर बातचीत की. पेश है बातचीत के मुख्य अंश :
सवाल : स्वास्थ्य मंत्री के रूप में आपकी उपलब्धियां क्या रहीं?
जवाब : झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं पर कोई काम नहीं हुआ था. राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) की हालत खराब थी. मैंने उसे दुरुस्त किया. सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनवाया. ट्रॉमा सेंटर खुला. डेंटल कॉलेज शुरू हुआ. रिम्स में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले, इसकी व्यवस्था मैंने सुनिश्चित करवायी. आज रिम्स में जो सुविधाएं मिल रही हैं, पहले नहीं थीं. बेहतरीन डॉक्टर लोगों का इलाज कर रहे हैं. राज्य के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर रिम्स में कार्यरत हैं. वे लोगों को 5 रुपये में सेवा दे रहे हैं. दवाइयां मरीजों को दी जा रही हैं. अलग-अलग तरह की जांच की सुविधा मरीजों को मिल रही है.
सवाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘आयुष’ पर बहुत जोर देते हैं. देसी चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने की बात करते हैं, लेकिन झारखंड में इस विभाग की दशा बहुत खराब है. 80 फीसदी से अधिक पद रिक्त क्यों पड़े हैं?
जवाब : ‘आयुष’ विभाग में भी सुधार के काम चल रहे हैं. हमने इस विभाग में करीब 400 लोगों की बहाली की है. आगे भी रिक्त पदों पर बहाली होगी. जब मैं स्वास्थ्य मंत्री बना था, तो कोई व्यवस्था नहीं थी. लेकिन, धीरे-धीरे स्वास्थ्य सेवाओं को मैं पटरी पर लेकर आया. कुछ और सुधार की गुंजाइश बची है. जो कमी है, उसे भी दूर कर लिया जायेगा.
सवाल : गुमला में एक फार्मेसी कॉलेज खुला था. उस कॉलेज की बिल्डिंग गायब है. उपायुक्त को भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. स्वास्थ्य विभाग को मालूम है?
जवाब : यह सही है कि फार्मेसी कॉलेज खुला था, लेकिन अभी चल नहीं रहा है. कॉलेज की बिल्डिंग गायब नहीं हुई है. उस बिल्डिंग में मत्स्य विभाग (फिशरीज डिपार्टमेंट) चल रहा है. हम जल्द ही उसे अपने कब्जे में लेंगे और फार्मेसी की पढ़ाई शुरू करवायेंगे.
सवाल : गिरिडीह में यूनानी मेडिकल कॉलेज बना. उसमें डॉक्टर तैयार नहीं होते, वहां कौशल विकास केंद्र चल रहा है?
जवाब : इस वक्त मैनपावर का अभाव है. एक-एक कर हम सभी कमियों को दूर कर लेंगे. सभी काम एक साथ नहीं हो सकते.
सवाल : स्वास्थ्य मंत्री के विधानसभा क्षेत्र का स्वास्थ्य कैसा है?
जवाब : बिल्कुल दुरुस्त है बिश्रामपुर विधानसभा की सेहत. हर प्रखंड में 11.5 करोड़ रुपये की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया है. जल्दी ही हर केंद्र में एक डॉक्टर और दो नर्सों का पदस्थापन किया जायेगा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाइयों का भी इंतजाम रहेगा. लोगों को इलाज कराने के लिए अपने प्रखंड से बाहर नहीं जाना होगा. यहां तक कि एक-एक पंचायत में स्वास्थ्य उपकेंद्र खोल दिये गये हैं.
सवाल : गढ़वा जिला में फ्लोराइड की समस्या बहुत ज्यादा है. लोगों की सेहत खतरे में है. इसका कोई समाधान आपने ढूंढ़ा है?
जवाब : मेरे विधानसभा क्षेत्र में फ्लोराइड की समस्या ज्यादा नहीं है. सिर्फ खूड़ीपरता गांव में यह समस्या है. फ्लोराइड का असर गढ़वा में ज्यादा है. सरकार इसके प्रति गंभीर है. पाइपलाइन से जलापूर्ति की योजना है. पाइपलाइन से पेयजल की आपूर्ति शुरू हो जायेगी, तो यह समस्या खुद-ब-खुद खत्म हो जायेगी.
सवाल : शिक्षा के क्या इंतजाम हैं बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र में?
जवाब : अमूमन जिस तरह से सभी प्रखंडों में स्कूल होते हैं, यहां भी हैं. हमारे विधानसभा क्षेत्र में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय भी है, जहां बेटियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है.
सवाल : पिछले 10 सालों में आपने अपने क्षेत्र में कौन-कौन से काम किये, जिसके दम पर आप जीत का दावा कर रहे हैं?
जवाब : उग्रवाद समाप्त करने के लिए मैंने क्षेत्र में विकास पर जोर दिया. जब मैं विधायक बना था, तब इस विधानसभा क्षेत्र में दो प्रखंड और दो थाने थे. मैंने 5 नये ब्लॉक और 8 नये थाने खुलवाये. इससे उग्रवादी गतिविधियों पर लगाम लगी. गांवों को सड़कों से जोड़ा. जो सड़कें जर्जर हो गयीं थीं, उन्हें फिर से बनवाया. पुल-पुलिया बनवाकर आवागमन को सुगम बनाया. गांवों में सड़कें बनवायी हैं.
सवाल : आपके प्रतिद्वंद्वी चंद्रशेखर दुबे कह रहे हैं कि आपने क्षेत्र में कोई विकास नहीं किया. जो भी सड़कें हैं, उन्होंने बनवायीं. 5 नये प्रखंड भी उन्होंने ही बनवाये, तो फिर आपने क्या किया?
जवाब : दुबे जी की उम्र हो गयी है. उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूटा है. मैं उनके बारे में कुछ नहीं कहूंगा. यदि सारे काम उन्होंने ही किये होते, तो मैं चुनाव कैसे जीतता. मैं चार बार विधायक बना हूं बिश्रामपुर से. दो बार मंत्री बना. मैं उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा. मेरे मन में उनके प्रति कोई दुर्भावना नहीं है. मुझे उनसे कोई बदला नहीं लेना है. उन्हें जो कहना है, कहें. मैं तो अपना काम कर रहा हूं. क्षेत्र की जनता ने मुझे चुना है, तो मेरा फर्ज है कि मैं उनकी सेवा करूं और मैं कर रहा हूं.
सवाल : आप अपनी उपलब्धियों के बारे में कुछ बतायें.
जवाब : जो भी काम हुआ है, वह आपने आते समय रास्ते में देखा ही होगा. स्वास्थ्य विभाग आज तीन साल से देश में अव्वल नंबर पर है. हमारे बेहतरीन काम का ही नतीजा था कि आयुष्मान भारत जैसी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत झारखंड से हुई. जब किसी राज्य को पुरस्कार के लिए चुना जाता है, तो उससे जुड़ी कई चीजें देखी जाती हैं. मरीजों के इलाज से लेकर टीकाकरण तक का ध्यान रखा जाता है. तब जाकर किसी प्रदेश को अंक दिये जाते हैं. मेरे कार्यकाल में लगातार तीन बार हमें यह पुरस्कार मिला. यह पूरे झारखंड के लिए गौरव की बात है.
सवाल : क्षेत्र के लोगों की शिकायत है कि उन्हें पर्याप्त बिजली नहीं मिलती. यह शिकायत कब तक दूर होगी?
जवाब : यह बात मेरे जेहन में है. क्षेत्र में विद्युत सब-स्टेशन बन रहे हैं. इसे हटिया ग्रिड से जोड़ा जायेगा. हटिया ग्रिड से विद्युत की आपूर्ति शुरू हो जायेगी, तो लोगों की बिजली की समस्या भी दूर हो जायेगी. इसमें बहुत ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. मैं इस काम में लगा हुआ हूं.
सवाल : विधायक के रूप में कोई काम जो आप अब तक नहीं कर पाये?
जवाब : सिंचाई. इस दिशा में मैं काम नहीं कर पाया. अगले कार्यकाल में क्षेत्र के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का काम करूंगा. धुरिया जलाशय, बाघमारा के पास खूटी सोज एवं झाझी और कौरव जलाशय योजना पास हो चुका है. 140 करोड़ की लागत वाली बांकी जलाशय योजना भी पाइपलाइन में है. बांकी जलाशय बनेगा, तो छतरपुर के क्षेत्र डूबेंगे, लेकिन पांडू और उंटारी रोड के तमाम गांवों के खेतों तक पानी पहुंच जायेगा. हर खेत सिंचित हो जायेगा. इसके बाद हमारे क्षेत्र में कोई बड़ी समस्या नहीं रह जायेगी.
इसके अलावा एक और काम है मझिआंव और बिश्रामपुर को अनुमंडल का दर्जा दिलाने का. इस बार जनता ने फिर से मुझे चुनकर विधानसभा भेजा, तो बिश्रामपुर और मझिआंव को अनुमंडल बनाने के लिए पूरा जोर लगा दूंगा.
सवाल : गढ़वा जिला में पलायन एक बड़ी समस्या है. आपके क्षेत्र की स्थिति क्या है?
जवाब : बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र में पलायन की कोई समस्या नहीं है. बिरला के प्लांट में लोग नौकरी करते हैं. मेरे कॉलेज और यूनिवर्सिटी में बहुत से लोगों को रोजगार मिला है. किसानों की खेती-बारी अच्छी है. पैदावार भी अच्छी हो जाती है. इसलिए पलायन करने की जरूरत नहीं पड़ती.
सवाल : मझिआंव से बिहार को जोड़ने वाली सड़क की स्थिति काफी दयनीय है. इसे कब तक सुधारा जायेगा?
जवाब : मझिआंव से कांडी तक 140 करोड़ रुपये की लागत से सड़क बनेगी. इसका शिलान्यास हो गया है. नयी सड़क बन जायेगी, तो लोगों को आवागमन में बहुत सुविधा होगी. मैंने जो काम किये हैं, बहुत बढ़िया किया है. काम के दम पर ही मैं बार-बार जीतता हूं. कोई गुंडा थोड़े हूं कि हर बार जीत जाता हूं. लोग काम देखते हैं, तो वोट देते हैं.
सवाल : गांवों में सड़कें अच्छी हैं, लेकिन बीच गांव में कुछ जगह पर सड़क की हालत बदहाल है. हालांक, यह बहुत छोटा सा भाग है. ऐसा क्यों?
जवाब : देखिए, रोड तो ट्रैक्टर की वजह से बर्बाद होती है. यहां के परिवेश में ट्रैक्टर को रोकना संभव नहीं है. लोग नयी सड़क पर ही ट्रैक्टर दौड़ा देते हैं. इससे सड़कें खराब हो जाती हैं. इसका हम क्या कर सकते हैं. लोगों को खुद इसका ध्यान रखना चाहिए.
सवाल : आप राष्ट्रीय जनता दल से भारतीय जनता पार्टी में आये. पांच साल बाद आपको दोनों पार्टियों में क्या अंतर दिखता है?
जवाब : बहुत अंतर है. भारतीय जनता पार्टी में लोगों को बहुत इज्जत मिलती है. यदि आप सही काम करते हैं, तो सभी आपका सम्मान करते हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह स्वयं आपके साथ बात करते हैं. मुझे तो पार्टी ने बहुत सम्मान दिया है. दूसरे दलों में ऐसा नहीं है.