शिक्षा के क्षेत्र में पलामू के सरकारी स्कूल ने किया झारखंड का झंडा बुलंद, लातेहार की भी बड़ी उपलब्धि

रांची : शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम के लिए नीति आयोग (NITI Aayog) ने झारखंड की तारीफ की है. राज्य के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार पलामू जिला के एक स्कूल ने प्रदेश को यह गौरव प्रदान किया है. वहीं, लातेहार देश के शीर्ष 5 आकांक्षी जिलों में शुमार हो गया है, जहां बचपन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2020 2:33 PM

रांची : शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम के लिए नीति आयोग (NITI Aayog) ने झारखंड की तारीफ की है. राज्य के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार पलामू जिला के एक स्कूल ने प्रदेश को यह गौरव प्रदान किया है. वहीं, लातेहार देश के शीर्ष 5 आकांक्षी जिलों में शुमार हो गया है, जहां बचपन खुशहाल है. देश के शीर्ष 5 जिलों में लातेहार तीसरे स्थान पर है. नीति आयोग ने नवंबर, 2019 के लिए जो डेल्टा रैंकिंग जारी की है, उसमें लातेहार को यह गैरव प्राप्त हुआ है.

आकांक्षी जिला पलामू के सतबरवा प्रखंड में स्थित दुलसुलमा मिडिल स्कूल ने स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता और समावेशी आधारभूत संरचना का बेहतरीन प्रबंधन का नमूना पेश किया है. नीति आयोग ने अपने ट्विटर हैंडल से यह जानकारी दी. देश के विकास की रूपरेखा तय करने के लिए बने थिंक टैंक ने इसे जिला के उज्ज्वल भविष्य के लिए जन आंदोलन करार दिया है.

नीति आयोग ने ट्वीट कर कहा है कि एक ओर जहां झारखंड के स्कूलों में न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, वहीं दुलसुलमा मिडिल स्कूल ने स्वच्छता और समग्र शिक्षा व्यवस्था की दिशा में अनूठी पहल की है. आयोग ने इसकी तारीफ करते हुए कहा है कि इस स्कूल ने जो पहल की है, उससे हर तबके के बच्चे लाभान्वित हुए हैं. बच्चों में स्कूल के प्रति रुचि जगी है.

इस स्कूल की कक्षाओं में हिंदी-अंग्रेजी की वर्णमालाओं को आकर्षक रंगों से लिखा गया है, ताकि बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई कर सकें. इतना ही नहीं, इस स्कूल में नि:शक्त या दिव्यांग बच्चों के लिए भी विशेष इंतजाम किये गये हैं. यहां तक शौचालय में भी उनकी सुविधाओं का ख्याल रखा गया है. बच्चों को नल के जरिये स्वच्छ पेयजल की सुविधा दी गयी है. स्कूल में लाइब्रेरी है, तो निरंतर विद्युत की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाती है. इतना ही नहीं, स्कूल परिसर में हरियाली के लिए पेड़-पौधे भी लगाये गये हैं.

पलामू और झारखंड की इस उपलब्धि का पूरा-पूरा श्रेय अनीता भेंगरा को जाता है. अनीता भेंगरा स्कूल की प्रधानाध्यापक हैं. 15 साल से इस स्कूल में सेवा दे रहीं अनीता ने अपने विद्यालय को निजी स्कूल की तर्ज पर विकसित करना शुरू किया. उन्होंने स्वास्थ्य और स्वच्छता को प्राथमिकता दी. अंग्रेजी में पढ़ाई की शुरुआत करवायी. बच्चों के समग्र विकास के लिए कई अन्य कार्यक्रमों की शुरुआत की. इसमें समूह गान, एकल गान, चित्रकला आदि शामिल हैं.

अनीता भेंगरा कहती हैं कि स्कूल में मात्र दो शिक्षक और एक सहायक शिक्षक रह गये थे. ऐसे में उन्होंने सीनियर स्टूडेंट्स की मदद से छोटे क्लास के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. अनीता बताती हैं कि स्कूल के सीनियर टीचर अर्पण कुमार गुप्ता, जो अब रिटायर हो चुके हैं, ने स्कूल की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर अपलोड किया. उन्होंने ही सबसे पहले स्कूल में चल रहे नये प्रयोगों के बारे में लोगों को बताया. इसके बाद स्कूल चर्चा में आया.

पलामू जिला प्रशासन ने बेहतर शिक्षा और स्वच्छता के लिए इस स्कूल के प्रयासों की सराहना की है. जिला के उपायुक्त शांतनु कुमार अग्रहरि ने कहा है कि अनीता भेंगरा को अपने स्कूल में ऐसे सकारात्मक बदलाव के लिए सम्मानित किया जायेगा. डीसी ने उम्मीद जतायी कि सतबरवा के इस स्कूल की तरह अन्य स्कूल भी कुछ नया करेंगे, ताकि बच्चों के जीवन में बदलाव आ सके.

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