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गड़बड़ियों की जांच होगी : वीसी

मेदिनीनगर : नीलाम्बर-पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एसएन सिंह ने कहा कि परीक्षा में गड़बड़ियों को लेकर जो बातें सार्वजनिक हुई है, इससे विश्वविद्यालय प्रशासन मर्माहत है. उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय की छवि को खराब करने को प्रयास किया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए जांच कराने का निर्णय […]

मेदिनीनगर : नीलाम्बर-पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एसएन सिंह ने कहा कि परीक्षा में गड़बड़ियों को लेकर जो बातें सार्वजनिक हुई है, इससे विश्वविद्यालय प्रशासन मर्माहत है. उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय की छवि को खराब करने को प्रयास किया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए जांच कराने का निर्णय लिया है. कुलपति अपने कक्ष में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि बीएड के रिजल्ट में गड़बड़ी संबंधी शिकायत मिलने के बाद इस मामले की जांच को लेकर चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. कमेटी आपसू व मीडिया द्वारा उठाये गये सवालों को ध्यान में रखते हुए उन बिंदुओं पर जांच करेगी. कमेटी में अनीता सिन्हा को अध्यक्ष तथा प्रोक्टर डॉ विभेश चौबे को मेंबर सेक्रेट्री बनाया गया है. डॉ कैलाश उरांव व डॉ कुमार विमल कमेटी के सदस्यों में शामिल है.
कुलपति ने कहा कि कमेटी जीएलए कॉलेज बीएड विभाग, ज्योति प्रकाश बीएड कॉलेज, कुमारेश बीएड कॉलेज व एलीट बीएड कॉलेज के जिन 11 छात्रों के फेल होने के बाद भी पास किये जाने की बात सामने आयी है, उसके पीछे कौन लोग हैं. कुलपति ने कहा कि यह बात बहुत व्यथित करने वाली है. तीन सालों तक उन्होंने शैक्षणिक स्थिति तथा आधारभूत संरचनाओं को लेकर जो सकारात्मक प्रयास किया है, अब अंतिम समय में ऐसे आरोप लगाए जाने से वे काफी दुखी हैं.
उन्होंने कहा कि इसके पीछे कुछ लोगों का दुराग्रह भी हो सकता है. कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले की पूरी पारदर्शिता के साथ जांच कराकर इसकी सच्चाई को सार्वजनिक करेगा. उन्होंने कहा कि जांच प्रक्रिया चलने तक विश्वविद्यालय प्रशासन ने डॉ स्वर्ण महतो तथा अर्धेंदू शेखर को परीक्षा विभाग में प्रतिनियुक्त किया है.
वीसी ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए कार्य कर रहे सॉफ्टवेयर कंपनी यूएसटी द्वारा बनाए गए सॉफ्टवेयर से ही अभी तक परीक्षा विभाग का काम किया जा रहा है. जिससे त्रुटि की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता. इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने राज्य के अन्य चार विश्वविद्यालयों में काम करने
वाली सॉफ्टवेयर कंपनी की सेवा लेने की प्रकिया शुरू की है.उन्होंने कहा कि 10 दिनों में नयी कंपनी द्वारा काम शुरू किये जाने की संभावना है.

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