सिम से खंगाला जायेगा माओवादियों का संपर्क
मामला हरिहगंज के सिमरबार में मुठभेड़मेदिनीनगर/हरिहरगंज.प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर माओवादियों की मदद करने वाले लोग कौन हैं, ऐसे कौन लोग हैं, जिनके संपर्क में माओवादी निरंतर रहते हैं. इन सब बातों को खंगालने के लिए पुलिस बरामद सिम का कॉल डिटेल निकालेगी. क्योंकि रविवार की रात हरिहरगंज थाना क्षेत्र के सिमरबार में मुठभेड़ के […]
मामला हरिहगंज के सिमरबार में मुठभेड़मेदिनीनगर/हरिहरगंज.प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर माओवादियों की मदद करने वाले लोग कौन हैं, ऐसे कौन लोग हैं, जिनके संपर्क में माओवादी निरंतर रहते हैं. इन सब बातों को खंगालने के लिए पुलिस बरामद सिम का कॉल डिटेल निकालेगी. क्योंकि रविवार की रात हरिहरगंज थाना क्षेत्र के सिमरबार में मुठभेड़ के बाद पुलिस को जो सामग्री हाथ लगे हैं, उसमें विभिन्न कंपनियों के 42 सिम कार्ड भी है. इससे यह भी पता चलता है कि माओवादी अपने दस्ते में लगभग सभी कंपनियों के सिम रखते हैं. जिनका सर्विस इस इलाके में होता है. जहां जो कंपनी का सिम काम करता है, उसका वे लोग उपयोग करते हैं. मोबाइल चार्ज करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसके लिए अपने साथ सोलर प्लेट भी लेकर चलते हैं. पुलिस ने इसे भी बरामद किया है. पलामू के पुलिस अधीक्षक वाइएस रमेश ने बताया कि मुठभेड़ के बाद पुलिस को जो सामग्री मिली है, उसमें ऐतिहासिक लालगढ़ आंदोलन पर साक्षात्कार संबंधित पुस्तिका भी है, जो दो भाग में है. सारंडा क्षेत्र में वर्ष 2011 के अगस्त में ऑपरेशन एनोकोंडा के एक संक्षिप्त रिपोर्ट के माध्यम से किताब के माध्यम से प्रस्तुत किया था. कैडर पॉलिसी से संबंधित पुस्तिका भी पुलिस के हाथ लगे हैं. जो तीन राइफल बरामद किया गया है, उसमें पुलिस से लूटी गयी एक राइफल है. एसपी ने कहा कि यह देखा जा रहा है कि यह राईफल कहां से लूटी गयी थी. जो दस्तावेज मिले हैं, उसके अध्ययन के बाद पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगी. मालूम हो कि हरिहरगंज थाना क्षेत्र के सिमबार में रविवार को पुलिस और नक्सली के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसके पूर्व सिमरबार से सटे इलाके मंगराबथान में 2013 में मुठभेड़ की घटना हुई थी. सिमरबार गांव हरिहरगंज थाना क्षेत्र से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. सूचना मिलने के बाद पुलिस इस इलाके में पहुंची थी, जिसके बाद मुठभेड़ हुई थी. अंधेरे का लाभ उठा कर उग्रवादी भागने में सफल रहे. पुलिस का यह दावा है कि दो-तीन माओवादी घायल भी हुए हैं, जिन्हें माओवादी अपने साथ ले गये हैं. छोटकी कौडिया गांव से भी जुड़ा है मामलासिमरबार में जो दस्ता माओवादियों का था, उसका नेतृत्व मनोहर गंझू कर रहा था. एसपी वाइएस रमेश का कहना है कि नौ अगस्त की रात विश्रामपुर थाना क्षेत्र के छोटकी कौडिया गांव में जो टीपीसी और माओवादियों में मुठभेड़ हुआ था, उसका भी नेतृत्व मनोहर गंझू ने ही किया था. अन्य पहलुओं पर भी पुलिस विस्तृत जानकारी इकट्ठा कर रही है. बताया जाता है कि सर्च अभियान के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिला है. मुठभेड़ में पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण ही माओवादी अपना सारा समान और हथियार छोड़ कर भागें. इस अभियान में सीआरपीएफ ने भी भाग लिया. पलामू पुलिस व सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान में यह सफलता मिली.