….वो तो साहिल पर रह कर डूबते हैं

डॉ राही की याद में मुशायरा का आयोजनप्रतिनिधि, मेदिनीनगर.साहित्यकार डॉ सोयब राही की याद में आइएमए हॉल में मुशायरा का आयोजन किया गया. इसमें शहर के अलावा बाहर से आये शायरों ने गजल प्रस्तुत की. इसकी सदारत डॉ अनवर इरस ने की. नेजामत डॉ सरवर साजिद ने किया. नसीम रेयाजी ने डॉ सोयब राही की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2014 11:03 PM

डॉ राही की याद में मुशायरा का आयोजनप्रतिनिधि, मेदिनीनगर.साहित्यकार डॉ सोयब राही की याद में आइएमए हॉल में मुशायरा का आयोजन किया गया. इसमें शहर के अलावा बाहर से आये शायरों ने गजल प्रस्तुत की. इसकी सदारत डॉ अनवर इरस ने की. नेजामत डॉ सरवर साजिद ने किया. नसीम रेयाजी ने डॉ सोयब राही की गजल तरन्नुम में प्रस्तुत कर कार्यक्रम की शुरुआत की. श्री रेयाजी ने – जो डूबने वाले हैं, वो तो साहिल पर रह कर डूबते हैं, मंझधार में रहने वाला कब तिनकों का सहारा मांगे है- प्रस्तुत किया. एमजे अजहर ने- दिल कोई भी ना सोगवार करे, आदमी आदमी से प्यार करे, डॉ इंतेखाब असर ने -ना हो महसूस कुछ भी इसलिए एहसास को अपने कभी शीशा बनाता हूं,कभी पत्थर बनाता हूं- गजल प्रस्तुत की. शायर अनवर शाकिर ने – कोई दिल से नहीं मिलता, किसी से दिल नहीं मिलता, मोहब्बत करने वाला अब सरे महफिल नहीं मिलता तथा अश्फाक अहमद अश्फाक ने – तेरा चेहरा, ना ओ मंजर ही भुला पाऊंगा, दिल की दीवारों पर तसवीर लगा जाऊंगा, शायर अरशद ने कमर ने- एक सिलसिला दराज तबाही का कर गया, सैले रवानगी का जिधर से गुजर गया- गजल प्रस्तुत किया. इसके अलावा अदनान कासिफ, प्रो मकबूल मंजर, शमीम रिजवी, नुदरत नवाज, नौशाद खां आदि शायरों ने भी अपनी रचना प्रस्तुत की.

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