परमात्मा सुख का सागर है : सरोजबाला

मेदिनीनगर. साहित्य समाज चौक के निकट श्री तुलसी मानस मंदिर परिसर में श्रीराम चरित मानस नवाह्न परायण पाठ महायज्ञ चल रहा है. प्रवचन के दौरान कानपुर से आयी वेदांत सरोजबाला त्रिपाठी ने कहा कि परमात्मा के सुख के सागर हैं. जीव माया के वशीभूत होकर असहाय दुख झेल रहा है. लोग सच्चा सुख पाने की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2014 11:03 PM

मेदिनीनगर. साहित्य समाज चौक के निकट श्री तुलसी मानस मंदिर परिसर में श्रीराम चरित मानस नवाह्न परायण पाठ महायज्ञ चल रहा है. प्रवचन के दौरान कानपुर से आयी वेदांत सरोजबाला त्रिपाठी ने कहा कि परमात्मा के सुख के सागर हैं. जीव माया के वशीभूत होकर असहाय दुख झेल रहा है. लोग सच्चा सुख पाने की खोज में भटक रहे हैं, मगर उनका प्रयास सकारात्मक दिशा की ओर नहीं है. यही वजह है कि कि वे दुखी हैं. उन्होंने कहा कि परमात्मा सुख पाने का सहज मार्ग भक्ति है. भक्ति अनुपम सुख की खान है. जरूरत है श्रद्धा व विश्वास के साथ परमात्मा की भक्ति करने की. बक्सर से आये बाल व्यास रामचंद्रा चार्य ने कहा कि प्रभु श्रीराम के आदर्श व गुणों को आत्मसात करने की जरूरत है. जो प्रभु श्रीराम के आदर्श को नहीं अपनाते हैं, वे रावण से कम नहीं है. भारतीय संस्कृति को बचाने की जरूरत है. अंबिकापुर से आये ब्रह्मदेवाचार्य ने श्रीराम भक्त हनुमान के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला.

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