फैसले बड़े-बड़े, काम जरा-जरा

मेदिनीनगर : बात वित्तीय वर्ष 2012-13 की है. मेदिनीनगर नगर पर्षद क्षेत्र में 74 चापानल लगाने की स्वीकृति मिली थी. वित्तीय वर्ष समाप्त हो गया. नये वित्तीय वर्ष का तीन माह गुजर गया, पर लक्ष्य के मुताबिक चापानल नहीं लग सका. गरमी गुजर गयी. बरसात ने दस्तक दे दी. फिर भी इस मामले में अपेक्षित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:53 PM

मेदिनीनगर : बात वित्तीय वर्ष 2012-13 की है. मेदिनीनगर नगर पर्षद क्षेत्र में 74 चापानल लगाने की स्वीकृति मिली थी. वित्तीय वर्ष समाप्त हो गया. नये वित्तीय वर्ष का तीन माह गुजर गया, पर लक्ष्य के मुताबिक चापानल नहीं लग सका.

गरमी गुजर गयी. बरसात ने दस्तक दे दी. फिर भी इस मामले में अपेक्षित कार्य नहीं हुए. पर इस मामले को लेकर जो सक्रियता बोर्ड को दिखानी चाहिए थी, उसका पूरा अभाव दिखा. यहां तक कि नगर निकाय का चुनाव संपन्न होने के बाद 15 मई को बोर्ड की जो पहली बैठक हुई, उसमें भी इस बात पर कोई चर्चा नहीं हुई.

बस इतना कहा गया कि भीषण गरमी को देखते हुए शहर में खराब चापानल बनेंगे, और टैंकर से पानी की आपूर्ति होगी. पर पिछले साल जो चापानल लगाया जाना था, उसका क्या हुआ, इस पर कोई चर्चा नहीं. बोर्ड की बैठक में जो फैसला हुआ, उस पर भी कोई काम नहीं हुआ.

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