सर! चुनाव शांतिपूर्ण होगा, आराम से निकलिए चाय पीकर

मेदिनीनगर : सर ! चिंता में काहे हैं. ये लीजिये चाय, पीजिये और इतमिनान से जाइये सर. लौटने के बाद फिर मंै आपको एक कप अच्छी चाय पिलाऊंगा. भरत की कही यह बात तो सच हो गयी. चुनाव शांतिपूर्ण हुआ, लेकिन चुनाव ड्यूटी से लौटने के बाद उसने कॉलेज के प्रोफेसरों से जो वादा किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2014 8:02 PM

मेदिनीनगर : सर ! चिंता में काहे हैं. ये लीजिये चाय, पीजिये और इतमिनान से जाइये सर. लौटने के बाद फिर मंै आपको एक कप अच्छी चाय पिलाऊंगा. भरत की कही यह बात तो सच हो गयी. चुनाव शांतिपूर्ण हुआ, लेकिन चुनाव ड्यूटी से लौटने के बाद उसने कॉलेज के प्रोफेसरों से जो वादा किया था, चाय पिलाने का- वह पूरा नहीं कर सका. वह असमय काल के गाल में समा गया. भरत प्रसाद जीएलए कॉलेज में कैंटिन का संचालक था.

उसने जीएलए कॉलेज में पढ़ाई की थी. कॉलेज के शिक्षक व कर्मियों के साथ उसका आत्मीय लगाव था. मंगलवार की रात उसकी तबीयत बिगड़ी. बुधवार की सुबह उसके घर वाले डाक्टर के पास ले गये. चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर किया था. रांची ले जाने के क्रम में रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी.

उसकी मौत पर बुधवार को जीएलए कॉलेज में शोकसभा हुई. इसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ जयगोपालधर दुबे ने की. शोकसभा में चुनाव ड्यूटी से लौटे शिक्षकों का कहना था कि जब वे लोग चुनाव ड्यूटी में जा रहे थे, तो उसकी कैंटिन से चाय पीकर गये थे. उस दिन वह काफी प्रसन्न था.

साथ ही उनलोगों का भी मनोबल बढ़ा रहा था कि- सर जाइये, एकदम शांतिपूर्ण रहेगा. सब हुआ, वही जो भरत कह रहा था, लेकिन किसी को क्या पता कि चुनाव डयूटी से लौटने के बाद भरत से मुलाकात ही नहीं हो पायेगी. शोकसभा में प्रो कैलाश उरांव, डॉ कुमार वीरेंद्र, डॉ विमल सिंह, डॉ रविशंकर, प्रो राजेंद्र सिंह, शैलेश मिश्रा, प्रो भीम राम, डॉ धर्मेंद्र सिंह, डॉ विभेष चौबे, प्रो एसके मिश्रा, राघवेंद्र कुमार, देवेश कुमार सहित कई लोग मौजूद थे.

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