किसने संपर्क साधा था उग्रवादियों से

डॉ जीवन से अस्पताल के कर्मी नाराज थे मेदिनीनगर/सतबरवा : तुंबागाडा के नवजीवन अस्पताल के तत्कालीन अस्पताल अधीक्षक डॉ जीवन की कार्यशैली से कुछ कर्मी ही नाराज थे. अस्पताल के कर्मी ही जेजेएमपी के उग्रवादियों के संपर्क में गये थे. कर्मियों ने ही संगठन से यह कहा था कि वे लोग हस्तक्षेप करें, ताकि कुछ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2014 10:05 AM
डॉ जीवन से अस्पताल के कर्मी नाराज थे
मेदिनीनगर/सतबरवा : तुंबागाडा के नवजीवन अस्पताल के तत्कालीन अस्पताल अधीक्षक डॉ जीवन की कार्यशैली से कुछ कर्मी ही नाराज थे. अस्पताल के कर्मी ही जेजेएमपी के उग्रवादियों के संपर्क में गये थे. कर्मियों ने ही संगठन से यह कहा था कि वे लोग हस्तक्षेप करें, ताकि कुछ बात बने. इसके बाद उग्रवादियों ने डॉ जीवन को धमकी दी थी. इस पूरे मामले का खुलासा उग्रवादी मंदीप ठाकुर के पकड़े जाने के बाद हुआ है. पुलिस उपाधीक्षक प्रभात रंजन बरवार ने कहा कि अब इस बिंदु पर आगे अनुसंधान होगा. यह देखा जायेगा कि वह कौन सी बात थी, जिसके कारण डॉ जीवन से अस्पताल के कर्मी नाराज थे.
या फिर क्या वजह थी, जिसके कारण कर्मियों ने ऐसा किया. उग्रवादियों से संपर्क करने वाले कर्मी कौन थे, इसके बारे में भी छानबीन की जायेगी. मालूम हो कि तुंबागाडा के तत्कालीन अस्पताल अधीक्षक डॉ जीवन को 16 अगस्त की शाम उग्रवादियों ने धमकी दी थी. उसके बाद डॉ जीवन अस्पताल छोड़ कर चले गये थे. जो आवेदन दिया गया था, उससे कुछ भी स्पष्ट नहीं था. इस कारण पुलिस ने मामले की छानबीन की थी. उसके बाद मामला दर्ज हुआ था.
प्रारंभिक दौर में यह कहा जा रहा था कि कुछ उग्रवादी जख्मी हुए थे, जिनका इलाज कराने उग्रवादी तुंबागाडा के अस्पताल में आये थे. लेकिन डॉ जीवन ने इलाज करने से मना कर दिया था. इसके कारण उग्रवादी डॉ जीवन से नाराज थे और उन्हें अस्पताल छोड़ने की धमकी दी थी. इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक प्रभात रंजन बरवार का कहना है कि अनुसंधान में यह बात सामने नहीं आयी है कि जख्मी उग्रवादी के इलाज नहीं करने के कारण डॉ जीवन को धमकी दी गयी थी. बल्कि पुलिस के अनुसंधान में भी यह तथ्य आया था कि कुछ कर्मियों ने ही उग्रवादियों से संपर्क किया था. जेजेएमपी के उग्रवादी मंदीप ठाकुर के पकड़े जाने के बाद ही इसकी पुष्टि हुई है. मंदीप ठाकुर और पप्पू लोहरा ने डॉ जीवन को धमकी दी थी.
मंदीप ठाकुर नामजद आरोपी भी था. गौरतलब है कि इस मामले के सामने आने के बाद 15 दिन तक अस्पताल में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. साथ ही अ2भी भी पेट्रोलिंग के दौरान अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर पुलिस की नजर बनी रहती है. पुलिस उपाधीक्षक श्री बरवार ने बताया कि पूरे मामले की गहन छानबीन की जा रही है. मौके पर सतबरवा थाना प्रभारी विनोद कुमार गुप्ता भी मौजूद थे.

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