2…सिसकियों के तिनके से जल रहे हैं…
मेदिनीनगर. इप्टा द्वारा आयोजित सफदर हाशमी के शहादत सप्ताह के दौरान मंगलवार को कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन किया गया. सम्मेलन में कवि व शायरों ने अपनी रचना प्रस्तुत की. युवा कवियत्री विनिता असर ने सिसकियों के तिनके से जल रहे हैं, कई मकान, क्यों अंधेरा आग पर झूठा इल्जाम लगाता है रचना प्रस्तुत […]
मेदिनीनगर. इप्टा द्वारा आयोजित सफदर हाशमी के शहादत सप्ताह के दौरान मंगलवार को कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन किया गया. सम्मेलन में कवि व शायरों ने अपनी रचना प्रस्तुत की. युवा कवियत्री विनिता असर ने सिसकियों के तिनके से जल रहे हैं, कई मकान, क्यों अंधेरा आग पर झूठा इल्जाम लगाता है रचना प्रस्तुत की. कार्यक्रम का संचालन कर रहे शायर मिरजा खलील बेग ताहीर ने गुल हो गया चिराग अंधेरा है दूर तक, कश्ती भंवर में छोड़ कर साहिल चला गया रचना पेश किया. इसी तरह अनवर शाकीर ने हमको है तुमसे प्यार सफदर हाशमी प्रो मकबूल मंजर ने सुना है हमने किसी बात पर खफा हैं वो, ऐसी बात है तो फिर घर बुलाकर देखेंगे, रमेश पांडेय ने बढ़ाते रहोगे अगर हौसला तुम, तो पतवार हम भी संभाले रहेंगे, एमजे अजहर ने पछतायेंगे कल वहां, लब पर लेकर आह, आज जो डरते हैं नहीं, करते खूब गुनाह अपनी रचना प्रस्तुत की. शायर परवेज शीतल, अलाउद्दीन शाह चिराग, हरिवंश प्रभात, रामधनी पांडेय आदि ने अपनी रचना प्रस्तुत किये.