जान जोखिम में डालकर घर वापसी कर रहे झारखंड से पलायन करने वाले मजदूर, हैदराबाद से पैदल पलामू पहुंचे 29 लोग
मेदिनीनगर : जान जोखिम में डालकर घर वापसी कर रहे झारखंड (Jharkhand) से पलायन करने वाले मजदूर. तेलंगाना (Telangana) के हैदराबाद (Hyderabad) से 29 प्रवासी मजदूरों (Migrant Laborers) का एक जत्था पैदल चलकर शानिवार को झारखंड के मेदिनीनगर (Medininagar, Palamau) पहुंचा. पुलिसकर्मियों ने इन सभी लोगों को कोविड-19 (Covid19) जांच के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. मजदूरों के इन जत्थे पर पुलिस की नजर शनिवार को उस समय पड़ी, जब वे मेदिनीनगर के तटवर्ती नदी कोयल सेतु की छांव में बैठकर आराम कर रहे थे.
मेदिनीनगर : जान जोखिम में डालकर घर वापसी कर रहे झारखंड (Jharkhand) से पलायन करने वाले मजदूर. तेलंगाना (Telangana) के हैदराबाद (Hyderabad) से 29 प्रवासी मजदूरों (Migrant Laborers) का एक जत्था पैदल चलकर शानिवार को झारखंड के मेदिनीनगर (Medininagar, Palamau) पहुंचा. पुलिसकर्मियों ने इन सभी लोगों को कोविड-19 (Covid19) जांच के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. मजदूरों के इन जत्थे पर पुलिस की नजर शनिवार को उस समय पड़ी, जब वे मेदिनीनगर के तटवर्ती नदी कोयल सेतु की छांव में बैठकर आराम कर रहे थे.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मजदूरों का यह दल तेलंगाना से पैदल ही सड़क मार्ग से अपने घरों की ओर लौटा है. सभी मजदूर पलामू जिला के पांकी थाना क्षेत्र के निवासी हैं. ये सभी लोग तेलांगना में दिहाड़ी मजदूरी करके आजीविका चलाते थे.
इन मजदूरों में शामिल 24 वर्षीय दिलीप कुमार ने बताया, ‘हम एक निर्माण कंपनी में काम करते थे. जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा हुई, मालिक ने हमलोगों को काम पर आने से मना कर दिया.’ मौके पर मौजूद पुलिस उपनिरीक्षक पूजा उरांव ने बताया कि ये मजदूर पिछले 10 अप्रैल को हैदराबाद से चले थे और 9 मई की सुबह यहां पहुंचे.
काफी चलने के बाद ये लोग थक गये थे. इसलिए कोयल नदी के तट पर आराम कर रहे थे. उन्होंने बताया कि सभी मजदूरों को कोविड-19 की जांच के बाद उनके ही इलाके के के पृथकवास केंद्र में रखने के प्रबंध किये गये हैं.
उल्लेखनीय है कि देश के अलग-अलग राज्यों में झारखंड के लोग नौकरी के लिए पलायन करते हैं. अब ये लोग मुश्किलों में घिर गये हैं और अपने घर लौटना चाहते हैं. झारखंड सरकार ने अपने लोगों को वापस लाने के लिए कई ट्रेनें चलाने का केंद्र सरकार से अनुरोध किया है.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के प्रवासियों को आश्वस्त किया है कि वह जहां कहीं भी हैं, उनकी सरकार वहां की सरकार से बात करके अपने गृह राज्य लायेगी और उनके घर तक सुरक्षित पहुंचायेगी. ऐसा हो भी रहा है, लेकिन सभी लोगों तक सरकारी मदद नहीं पहुंच पा रही है.
इसलिए लोगों का धैर्य जवाब दे रहा है और वे येन-केन-प्रकारेण अपने राज्य के लिए चल पड़े हैं. कोई टैंकर, ट्रक में छिपकर आ रहा है, तो कोई साइकिल चलाते हुए अपने घर पहुंच रहा है. जिन लोगों के पास पैसे नहीं बचे हैं, वे लोग इन 29 श्रमिकों की तरह पैदल ही जान जोखिम में डालकर अपने घर रवाना हो गये हैं.