अनुमंडल बना, पर नहीं बदली सड़कों की सूरत
– राजीव सिन्हा – एनएच 98 का हाल छतरपुर(पलामू) : कहते हैं कि किसी भी इलाके में प्रगति का पैमाना वहां की सड़के होती हैं. सड़क की बेहतरी से ही विकास की पहचान होती है. इस दृष्टिकोण से यदि हम छतरपुर अनुमंडल की बात करें, तो स्थिति निराश करनेवाली है. 1994 में छतरपुर को अनुमंडल […]
– राजीव सिन्हा –
एनएच 98 का हाल
छतरपुर(पलामू) : कहते हैं कि किसी भी इलाके में प्रगति का पैमाना वहां की सड़के होती हैं. सड़क की बेहतरी से ही विकास की पहचान होती है. इस दृष्टिकोण से यदि हम छतरपुर अनुमंडल की बात करें, तो स्थिति निराश करनेवाली है.
1994 में छतरपुर को अनुमंडल का दरजा मिला था, तब यह उम्मीद की गयी थी कि सड़क बेहतर होंगे तो नागरिक सुविधाओं में विस्तार होगा. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. छतरपुर के डाक बंगला रोड जोकि छतरपुर से पांडु जाती है. यह सड़क छतरपुर से लेकर खाटीन तक बदहाल है.
सड़कों पर पानी जमा रहता है. अब बात एनएच-98 की, जो छतरपुर का मुख्य मार्ग एनएच-98 की परिधि में आता है. नागा बाबा से लेकर प्रखंड कार्यालय तक की जो सड़क है,उसमें बड़े गड्ढे हो गये हैं. अभी निर्माण चल रहा है.
यह स्थिति क्यों? यह पूछने पर विभाग का एक ही जवाब होता है, निर्माण कार्य चल रहा है. कुछ दिन के बाद ठीक हो जायेगा, लेकिन वह कुछ दिन कब आयेगा, यह पता नहीं. छतरपुर–जपला जाने वाली सड़क का भी हाल बदहाल है.
एनएच-98 से महेंद्र जायसवाल तक के घर की सड़क की स्थिति बदहाल है. आमलोग परेशान हैं. डाक बंगला रोड जो थी, उसका निर्माण कार्य होना भी था. जनवरी 2013 में विधायक सुधा चौधरी ने आधारशिला रखी थी, लेकिन बाद में वह सड़क ग्राम्य अभियंत्रण संगठन से पीडब्लूडी को स्थानांतरित हो गया, उसके बाद यह मामला भी लटक गया.