खजाने में सिर्फ 14 लाख

वेतन के लिए चाहिए 18 लाख मेदिनीनगर : मेदिनीनगर नगर पर्षद की वित्तीय स्थिति चरमरा गयी है. पिछले दिसंबर माह से नगर पर्षद के कर्मियों को वेतन नहीं मिला है. पांच मार्च को होली है. अभी जो स्थिति है, उसे देख कर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हो सकता है कि कर्मियों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2015 10:30 AM
वेतन के लिए चाहिए 18 लाख
मेदिनीनगर : मेदिनीनगर नगर पर्षद की वित्तीय स्थिति चरमरा गयी है. पिछले दिसंबर माह से नगर पर्षद के कर्मियों को वेतन नहीं मिला है. पांच मार्च को होली है. अभी जो स्थिति है, उसे देख कर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हो सकता है कि कर्मियों के होली का रंग भी फीका हो जाये.
क्योंकि नगर पर्षद खजाना खाली होने का रोना रो रहा है. टैक्स मिलने पर नगर पर्षद को आय होती है, स्थिति यह है कि पालिका बाजार की दुकानों के टैक्स का मामला पिछले तीन वर्षो से उलझा है. नगर पर्षद तय नहीं कर पा रहा है कि किस दर पर वसूली करनी है. इसे लेकर खुद नगर पर्षद के वार्ड पार्षदों में ही विरोधाभास है.
होल्डिंग टैक्स केवल सरकारी विभागों पर करीब तीन करोड़ बकाया है. ऐसे में पैसे आये, तो आये कहां से. मालूम हो कि मेदिनीनगर नगर पर्षद में कर्मियों की संख्या 150 से अधिक है, जिनके वेतन मद में प्रत्येक माह करीब 18 लाख रुपये खर्च होते हैं. सूत्रों की मानें, तो अभी नगर पर्षद के खजाने में करीब 14 लाख ही है. यदि नगर पर्षद चाहे भी तो एक माह के वेतन का भुगतान भी नहीं कर पायेगी. इधर कर्मियों ने एलान कर दिया है कि 15 फरवरी तक वेतन का भुगतान नहीं हुआ तो कार्य बहिष्कार करेंगे.
संवेदनशीलता जरूरी : कार्यपालक पदाधिकारी अरुण कुमार भारती ने कहा कि मेदिनीनगर नगर पर्षद आर्थिक संकट से गुजर रही है. निधि उपलब्ध नहीं रहने के कारण कर्मचारियों को पिछले दो माह से वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है. ऐसे में शहरवासियों को चाहिए कि वह बकाये टैक्स के भुगतान करने के मामले में गंभीरता दिखायें.

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