904 लाभुकों में 603 ही अनुमोदित

मेदिनीनगर : पलामू उपायुक्त मनोज कुमार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा की. इस दौरान यह पाया गया कि 904 लाभुकों को बीमा राशि का भुगतान किया जाना था, लेकिन इसमें 603 लाभुकों का अनुमोदन किया गया है. बैठक में यह बताया गया कि सरकारी अस्पताल के अलावा स्वास्थ्य बीमा के तहत भगवती अस्पताल, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2013 3:57 AM

मेदिनीनगर : पलामू उपायुक्त मनोज कुमार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा की. इस दौरान यह पाया गया कि 904 लाभुकों को बीमा राशि का भुगतान किया जाना था, लेकिन इसमें 603 लाभुकों का अनुमोदन किया गया है.

बैठक में यह बताया गया कि सरकारी अस्पताल के अलावा स्वास्थ्य बीमा के तहत भगवती अस्पताल, सूर्या क्लिनिक, नवजीवन अस्पताल, जनविकास ट्रस्ट कल्याण अस्पताल के साथ एमओयू हुआ है. बैठक में यह पाया गया कि भगवती अस्पताल के चार सूर्या क्लिनिक के पांच क्लेम की राशि का भुगतान नहीं हुआ है. इस पर डीसी ने कहा कि भुगतान क्यों नहीं हुआ, इसके बारे में बीमा कंपनी से पूछा जाये.

बैठक में डीसी श्री कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा में सिजेरियन का 4500 रुपया शुल्क का प्रावधान किया गया है, लेकिन ऐसी सूचना मिल रही है कि कुछ निजी अस्पताल राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा के लाभुकों से अतिरिक्त राशि वसूल रहे हैं.

मामले की जांच करायी जायेगी. यदि मामला सत्य पाया गया, तो एमओयू भी रद्द करने की अनुशंसा की जायेगी. इससे जुड़ी शिकायत जिला शिकायत निवारण समिति से की जा सकती है. इसके बाद यदि मामला नहीं सुलझा, तो राज्य निवारण समिति को भी मामला भेजा जायेगा.

हैंड ओवर होगा भवन

हुसैनाबाद छतरपुर में आइटीआइ का भवन बन कर तैयार है. इसका हैंड ओवर संयुक्त सचिव के स्तर से होता है. डीसी मनोज कुमार ने इसकी जानकारी विभाग को भेजने को कहा है, ताकि नये भवन में आइटीआइ का कार्य शुरू हो सके. समीक्षा बैठक में डीसी ने यह निर्देश दिया है. इसके अलावा यह बताया गया कि झारखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड अधिनियम के तहत सभी मजदूरों का 110 रुपये में निबंधन होगा.

इसके तहत निबंधन कराने वाले मजदूर को दुर्घटना होने की स्थिति में एक लाख,10 हजार का बीमा मिलेगा. बैठक में न्यूनतम मजदूरी उल्लंघन के मामले के निष्पादन के लिए प्रखंड मुख्यालयों में विशेष कैंप लगाने का निर्देश दिया. समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि पलामू में न्यूनतम मजदूरी से जुड़ा 395 मामले लंबित है.

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