फोटो 24 डालपीएच- 2 प्रतिनिधि, मेदिनीनगर. साहित्यिक संस्था अदबी संसार का 32 वीं तरही नातिया मुशायरा संपन्न हुआ.शहर के राहत नगर स्थित मो. सलीम के आवास पर मुशायरा का आयोजन हुआ. इसकी अध्यक्षता शाहिद अनवर ने की. संचालन हाजी शमीम रजवी, कारी गुफरान रजा व मो. यूनुस रजवी ने संयुक्त रूप से किया. अदबी संसार के संस्थापक एमजे अज़हर ने अतिथियों का स्वागत किया. समाजसेवी सैय्यद मो. कलाम ने शायर शाहिद अनवर, कांग्रेसी नेता शमीम अहमद राईन, शौकत अंसारी को अंग वस्त्र व माला पहनकर सम्मानित किया. मुशायरा में शामिल शायरों ने अपनी रचना प्रस्तुत किया.शाहिद अनवर ने हो करम या हबीब ए ख़ुदा आपका,बाद रब है बड़ा मर्तबा आपका,मौलाना महताब आलम ज़ियाई ने मुस्तफ़ा की चौखट पर जाने वाला हर मंगता,लौटता नहीं ख़ाली आज भी मदीने से कलाम पेश किया.इसी तरह क़ारी मो.जसीमुद्दीन शमीमी ने हो जिस दिल में पिन्हा मुहब्बत नबी की,वो पाएगा बेशक शफा़अत नबी की,शमीम रज़वी ने चमका नूर मक्का में पहुंचा फिर मदीने को, फैलने लगी हर सू रौशनी मदीने से,क़य्यूम रूमानी ने मौत का ख़ैर मक़दम न हम क्यों करें,होने वाला नबी का जो दीदार है,अमीन रहबर ने है तख़लीक़ ए आलम भी सदका़ उन्ही का, दो आलम है क़ायम बदौलत नबी की,एमजे अज़हर ने आप नबियों के सुल्तान हैं या नबी, रब ने बख्शा है वो मर्तबा आपका,डॉ. इंतेख़ाब असर ने रौनकें ज़माने में आपकी बदौलत हैं,दो जहां में खुशबू है आपके पसीने से,अलाउद्दीन शाह चिराग़ ने वही सुरखुरू होगा दोनों जहां में, है अपनाई जिसने भी सीरत नबी की, अदनान काशिफ़ ने कूए नबी से आ न सके हम राहत ही कुछ ऐसी थी, याद रही ये जन्नत हमको जन्नत ही कुछ ऐसी थी कलाम पेश किया.इसके अलावा शायर सैय्यद मोहम्मद हारिस,डॉ. अतहर मोबिन कु़रैशी, मंसूर रज़वी, फ़ारूक़ अहमद, मो. यूनुस रज़वी, मो.मेराज आलम शम्सी ने भी भी नातिया कलाम पेश किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है