पाटन व पड़वा में जन सुनवाई के नाम पर खानापूरी

24 डालपीएच 9… पड़वा में जन सुनवाई में शामिल लोगप्रतिनिधि, पाटन/पड़वापाटन व पड़वा में मनरेगा की प्रखंडस्तरीय जन सुनवाई आयोजित की गयी थी. पड़वा में एक कमरे में जन सुनवाई हुई, जिसमें न तो मजदूर थे और न ही ग्रामीण. सभी पंचायत प्रतिनिधि भी नहीं पहुंचे. आठ मुखिया में से दो व एक भी पंसस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2015 9:04 PM

24 डालपीएच 9… पड़वा में जन सुनवाई में शामिल लोगप्रतिनिधि, पाटन/पड़वापाटन व पड़वा में मनरेगा की प्रखंडस्तरीय जन सुनवाई आयोजित की गयी थी. पड़वा में एक कमरे में जन सुनवाई हुई, जिसमें न तो मजदूर थे और न ही ग्रामीण. सभी पंचायत प्रतिनिधि भी नहीं पहुंचे. आठ मुखिया में से दो व एक भी पंसस उपस्थित नहीं थे. ऐसे में किसी तरह जन सुनवाई की औपचारिकता पूरी की गयी. उपप्रमुख वीरेंद्र कुमार सिंह ने इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाया. कहा कि प्रखंड स्तरीय जन सुनवाई थी, लेकिन इसका प्रचार-प्रसार नहीं किया गया. ऐसे में सिर्फ खानापूरी करने के नाम पर जन सुनवाई का मतलब ही क्या है. वह वरीय पदाधिकारियों से शिकायत करेंगे. इसके पूर्व पड़वा के प्रमुख कार्यालय कक्ष में जन सुनवाई आयोजित की गयी. जिसमें बीडीओ प्रीति सिन्हा, बीपीओ स्वीटी सिन्हा, मझिआंव के मुखिया प्रदीप यादव, छेछौरी के अजय पासवान मौजूद थे. इन्हीं लोगों की मौजूदगी में प्रक्रिया पूरी की गयी. पाटन में भी यही हाल रहा. प्रखंड प्रमुख नंददेव मांझी ने बीपीओ दीपक कुमार से सवाल किया कि यह आखिर क्या हो रहा है. इसी को जन सुनवाई कहते हैं. जब मनरेगा को लेकर जन सुनवाई है, तो मजदूरों को आना चाहिए. ग्रामीणों को मौजूद रहना चाहिए. प्रमुख ने मजदूरों व ग्रामीणों को उपस्थित न देख कर जन सुनवाई को स्थगित करने का आदेश दिया. इस दौरान मुखिया चंद्रदेव सिंह, धीरेंद्र नारायण उपाध्याय सहित कई लोग मौजूद थे.

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