लीज है नहीं, पर विस्फोटक लगा कर तोड़े जा रहे हैं पहाड़
नौडीहा (पलामू) : पलामू के नौडीहा में वन क्षेत्र की परिधि में कई क्रशर चल रहे हैं. इन क्रशरों में व्यवहार किये जानेवाले पत्थर को पहाड़ों से निकाला जाता है. इसके लिए पहाड़ों में विस्फोटक का प्रयोग किया जाता है. पहाड़ का भी लीज नहीं है.
पुलिस ने बुधवार की शाम सलैया पहाड़ के पास से डेटोनेटर और 40 मीटर तार बरामद किया है. इसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ. छापामारी के दौरान पुलिस ने जो कुछ देखा, उसके मुताबिक नौडीहा के सलैया, विशुनपुरा पहाड़ी में विस्फोटक लगाये गये. एक दिन में पांच से सात बार विस्फोट किया गया.
इससे पहाड़ का अस्तित्व संकट में है. छतरपुर के एएसपी पी मुर्गन की मानें, तो यह सब वन विभाग की जानकारी में हुआ. फिर भी विभाग के पदाधिकारी चुप क्यों रहे, यह आश्चर्यजनक है. गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में एएसपी श्री मुर्गन ने बताया कि विशुनपुर में कौशल कुमार का जो स्टोन क्रशर चल रहा था, उसकी साइडिंग वन विभाग की भूमि पर हो रही थी.
इसी तरह यूनिस यादव और सलैया में अर्जुन सिंह के क्रशर भी वन भूमि के 500 फीट की परिधि में पाये गये. प्रावधान के मुताबिक कोई भी स्टोन क्रशर वहीं लगाया जाना है, जो वन क्षेत्र की परिधि से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर हो. इसके लिए वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाता है. उसके बाद स्टोन क्रशर का काम शुरू होता है.
ऐसे में इन क्रशरों को कैसे प्रमाण पत्र मिला, यह भी एक बड़ा सवाल है. एएसपी श्री मुर्गन ने बताया कि टास्क फोर्स ने बुधवार को क्रशरों ध्वस्त किया था. पुलिस को सूचना है कि छतरपुर पूर्वी रेंज के रेंजर भी वहां निरीक्षण करने गये थे. लेकिन उनके द्वारा पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गयी.