रिपोर्ट में भेजने में विलंब क्यों

डीसी से किया सवाल मेदिनीनगर : पूर्व मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि केंद्र का सुखाड़ प्रबंधन मैनुयल में सुखाड़ को लेकर जो व्याख्या की गयी है, उसके मुताबिक पलामू में जो स्थिति है, उसमें यह इलाका सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की पात्रता रखता है. इसके बाद भी आखिर पलामू उपायुक्त सरकार को रिपोर्ट भेजने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2013 1:10 AM

डीसी से किया सवाल

मेदिनीनगर : पूर्व मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि केंद्र का सुखाड़ प्रबंधन मैनुयल में सुखाड़ को लेकर जो व्याख्या की गयी है, उसके मुताबिक पलामू में जो स्थिति है, उसमें यह इलाका सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की पात्रता रखता है.

इसके बाद भी आखिर पलामू उपायुक्त सरकार को रिपोर्ट भेजने में विलंब क्यों कर रहे हैं, यह बात समझ में नहीं रही है. पूर्व मंत्री श्री किशोर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सुखाड़ प्रबंधन मैनुयल में यह कहा गया है कि इलाके में वर्षापात का ह्रास हो,अच्छादन की स्थिति, खेतों की मिट्टी में नमी दलहन का सूचकांक की स्थिति को देखने के बाद किसी भी इलाके को सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया जा सकता है.

इस दृष्टिकोण से यदि देखें तो पलामू में जून से 27 अगस्त तक की जो रिपोर्ट है, उसके मुताबिक 885 मिमी सामान्य वर्षापात के विरुद्ध 328 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी है. धान के अच्छादन का लक्ष्य 47 हजार हेक्टेयर था, लेकिन इसके विरुद्ध 16 प्रतिशत यानी सात हजार, 561 हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई है.

पलामू की जमीन बलुयाही है, इसलिए यहां नमी नहीं है. इससे यह साफ है कि किसी भी इलाके के लिए सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने के जो मानक है, उस पर पलामू फिट बैठ रहा है. पहले मैनुयल में यह प्रावधान था कि उत्पादन के बाद उपायुक्त को रिपोर्ट करना था, लेकिन अब ऐसा नहीं है.

अच्छादन और वर्षापात के आकलन करने के बाद उपायुक्त अपने स्तर से रिपोर्ट भेज सकते हैं. लेकिन उनके द्वारा अभी तक रिपोर्ट नहीं भेजी गयी है, जो इलाके के किसानों के साथ एक क्रूर मजाक है.

गंभीर नहीं हेमंत सरकार

पूर्व मंत्री कांग्रेसी नेता राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि पलामू में सुखाड़ की स्थिति है, पर इसे लेकर हेमंत सरकार गंभीर नहीं है. पलामू में जब सुखाड़ की स्थिति थी, तो वैकल्पिक फसल की योजना तैयार की जानी थी. इसके लिए 4000 क्विंटल बीज की जरूरत थी, जो अगस्त माह तक मिलना चाहिए था.

लेकिन सरकार ने उपलब्ध नहीं कराया. तेलहन की खेती के लिए 1000 क्विंटल पलामू को चाहिए, उन्होंने कहा कि मंत्री चंद्रशेखर दुबे से पलामू को उम्मीद है,उनसे बात हुई है. सितंबर की प्रथम सप्ताह में बैठक करेंगे.

किशोर ने पार्टी के दो मंत्री पर भी निशाना साधा, कहा कि एक तरफ राज्य सूखा से जूझ रहा है, तो दूसरी तरफ मंत्री मलाईदार विभाग चाह रहे हैं. उन्होंने कहा कि कृषि से बेहतर विभाग आखिर कौन हो सकता है.

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