पानी नहीं मिलेगा, तो कैसे बनेगा भोजन
नदी-नाले के पानी के सहारे टिकी है मिड डे मिल योजनायतीश नौडीहा (पलामू) : पानी के अभाव में नौडीहा प्रखंड के कई विद्यालयों में मध्याह्न् भोजन योजना बंद हो जायेगी. यह अंदेशा बलवती हो रहा है. जलस्तर के खिसकने के कारण विद्यालयों में लगे चापानल बेकार हो गये हैं. किसी तरह बगल के नदी-नाले से […]
नदी-नाले के पानी के सहारे टिकी है मिड डे मिल योजना
यतीश
नौडीहा (पलामू) : पानी के अभाव में नौडीहा प्रखंड के कई विद्यालयों में मध्याह्न् भोजन योजना बंद हो जायेगी. यह अंदेशा बलवती हो रहा है. जलस्तर के खिसकने के कारण विद्यालयों में लगे चापानल बेकार हो गये हैं.
किसी तरह बगल के नदी-नाले से पानी लाकर मध्याह्न् भोजन बनाया जा रहा है. लेकिन नदी-नाले भी सूखने के कगार पर हैं. ऐसी स्थिति में योजना बंद करने के अलावा विद्यालय प्रबंधन के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा. ऐसी स्थिति बनी है नौडीहा के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में.
नौडीहा से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है रतनाग गांव. इस गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में एक चापानल लगा है. यह तीन महीने से खराब है. इसकी जानकारी लोगों ने संबंधित विभाग को दी, लेकिन विभाग ने अपेक्षित ध्यान नहीं दिया. इसका असर बच्चों पर पड़ा. नदी-नाले से पानी लाकर भोजन बन रहा है. प्रचंड गरमी में नाले भी सूख रहे हैं.
ये नदी-नाले भी सूख गये, तो कहां से आयेगा पानी. फिर कैसे बनेगी खिचड़ी. रतनाग गांव की कहानी तो एक बानगी मात्र है, ऐसी ही स्थिति अन्य कई सुदूरवर्ती गांवों में बनी हुई है.