2….पड़ा रह गया 2.30 करोड़ रुपये

नहीं हुआ बस,टैक्सी स्टैंड व रैन बसेरा का निर्माणचुनावी मुद्दाफोटो-नेट से विश्रामपुर(पलामू). विश्रामपुर नगर पंचायत अब नगर पर्षद क्षेत्र में बस, टैक्सी स्टैंड नहीं है. यद्यपि बस और टैक्सी स्टैंड की बंदोबस्ती की गयी है. इसका टैक्स नगर पंचायत द्वारा वसूला जाता रहा है. लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. विश्रामपुर नगर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2015 7:04 PM

नहीं हुआ बस,टैक्सी स्टैंड व रैन बसेरा का निर्माणचुनावी मुद्दाफोटो-नेट से विश्रामपुर(पलामू). विश्रामपुर नगर पंचायत अब नगर पर्षद क्षेत्र में बस, टैक्सी स्टैंड नहीं है. यद्यपि बस और टैक्सी स्टैंड की बंदोबस्ती की गयी है. इसका टैक्स नगर पंचायत द्वारा वसूला जाता रहा है. लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. विश्रामपुर नगर पंचायत क्षेत्र में बस व टैक्सी स्टैंड का निर्माण हो, इसके लिए डेढ़ करोड का आवंटन किया गया है. यह पैसा पड़ा हुआ है, पर स्टैंड का निर्माण नहीं हो सका. कार्यपालक पदाधिकारी की माने तो स्थल चयन नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी है. स्टैंड के अभाव में विश्रामपुर और रेहला में सड़कों पर बस और टैक्सी खड़े रहते हैं. इससे आवागमन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इसी तरह एक रैन बसेरा का भी निर्माण कराया जाना था. इसके लिए नगर विकास विभाग ने 80 लाख का आवंटन किया है. लेकिन इसके निर्माण के लिए भी स्थल नहीं मिला. पैसा पड़ा रह गया. कुल मिला कर देखा जाये, तो दो करोड़, 30 लाख रुपया जो विकास के लिए आया था, वह पड़ा ही रह गया. ऐसे में सवाल यह है कि जब विकास की राशि खर्च नहीं होगी, तो क्या लाभ. पांच वर्ष में भी विश्रामपुर शहर का शक्ल नहीं ले सका. भले ही ग्राम पंचायत को काट कर नगर पंचायत बना दिया गया हो, अब नगर पर्षद का भी दर्जा मिल गया है. लेकिन सवाल यह है कि केवल दर्जा मिलने मात्र से सूरत बदल जायेगी या उसके लिए पहल करनी होगी. सरकार राशि आवंटित कर रही है, पर पैसा पड़ा रह जा रहा है. इस चुनाव में यह बड़ा मुद्दा है.

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