….जीवन को विश्व कल्याण सेवा में लगाने की जरूरत: निर्मला

मातेश्वरी सरस्वती का स्मृति दिवस मनाया गया प्रतिनिधि, मेदिनीनगर. प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रथम अध्यक्ष मातेश्वरी सरस्वती का स्मृति दिवस मनाया गया. कार्यक्रम का आयोजन आर्य समाज रोड स्थित लालकोठा में हुआ. इसका उदधाटन मुख्य अतिथि ब्रहमकुमारी निर्मला एवं डॉ किरण कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया. मुख्य अतिथि बीके निर्मला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2015 6:04 PM

मातेश्वरी सरस्वती का स्मृति दिवस मनाया गया प्रतिनिधि, मेदिनीनगर. प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रथम अध्यक्ष मातेश्वरी सरस्वती का स्मृति दिवस मनाया गया. कार्यक्रम का आयोजन आर्य समाज रोड स्थित लालकोठा में हुआ. इसका उदधाटन मुख्य अतिथि ब्रहमकुमारी निर्मला एवं डॉ किरण कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया. मुख्य अतिथि बीके निर्मला ने मातेश्वरी सरस्वती के महान व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. कहा कि ब्रह्मा बाबा संस्थापक के रूप में ज्ञान सूर्य थे तो मातेश्वरी प्रथम अध्यक्ष के रूप में ज्ञान चंद्रमा के समान थी. उन्होंने ज्ञान की ऐसी बातें सुनाती थी, जिसके प्रभाव से अशांत व दुखी व्यक्ति के ह्रदय को सुख-शांति मिलती थी. वे अक्सर कहा करती थी कि शरीर एक मंदिर है और आप इस शरीर में विराजमान मूर्ति के रूप में आत्मा है. उन्होंने ज्ञान यज्ञ में मन की पूर्ण आहूति देकर परमात्मा के चरणों में अपने आप को अर्पित कर दिया. तपस्या के बल पर उन्होंने योग की उच्च श्रेणी को प्राप्त किया तथा प्रवित्रता व दिव्यता की किरण बिखेरती रही. अपना सारा जीवन विश्व कल्याण की सेवा में समर्पित किया. जरूरत है उनके आदर्श एवं गुणों को धारण करने की तथा अपने जीवन को विश्व कल्याण की सेवा में लगाने की. डॉ किरण कुमारी ने कहा कि राजयोग के माध्यम से व्यक्तित्व का विकास होता है और मनुष्य अपने उदेश्य की प्राप्ति के लिए अध्यात्म के मार्ग पर दृढतापूर्वक चलता है. मौके पर अनिल, नारायण, दीपक, इंद्रदेव, मनोज, गुडी, रूबी, मालती, अनिता, २किरण,सुषमा आदि मौजूद थे.

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