2…तब उतरो धीरे-धीरे अपने अंतर्मन में
कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन प्रतिनिधि, मेदिनीनगर. रेड़मा के प्रतापनगर में मंगलवार की शाम में कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन किया गया. कवि अनाम वनवासी की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शायर व कवियों ने अपनी रचना प्रस्तुत की. डॉ विजय प्रसाद शुक्ला ने कवि अनाम वनवासी के महान व्यक्तित्व को इंगित करते […]
कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन प्रतिनिधि, मेदिनीनगर. रेड़मा के प्रतापनगर में मंगलवार की शाम में कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन किया गया. कवि अनाम वनवासी की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शायर व कवियों ने अपनी रचना प्रस्तुत की. डॉ विजय प्रसाद शुक्ला ने कवि अनाम वनवासी के महान व्यक्तित्व को इंगित करते हुए ‘ ध्रुव तारा सम तुम चमको’ कविता प्रस्तुत की. डॉ कामेंद्र सिंह ने ‘ जब छाने लगे अंधेरा जीवन में, तब उतरो धीरे-धीरे अपने अंतर्मन में, स्वयं को जानों, मन को पहचानो’, कवि हरिवंश प्रभात ने ‘ अचके में हमरा भिंजवले बदरिया’ कविता पेश की. शायर मिर्जा खलिल बेग ने ‘ उसकी आंखों में मोहबत का सितारा होगा, एक दिन आयेगा वो शख्स हमारा होगा, जिसके रहने से चलती है मेरी सांसंे, उसके बगैर कैसे मेरा गुजारा होगा’ रचना प्रस्तुत किया. डॉ रामजी ने ‘जिंदगी हसीन है जिंदगी नयामत है, जिंदगी बेवफा है, जिंदगी कयामत है’ कविता पेश की. डॉ कुमार वीरेंद्र ने व्यवस्था पर चोट करते हुए -रोज वादे पे टाल देते हैं, लोग इसकी मिसाल देते हैं, तुम दरिया की बात करते हो, हम समंदर खंगाल देते हैं- रचना प्रस्तुत की. मौके पर नगीना प्रसाद सिंह, प्रो गोविंद तिवारी, एके शरण, नवलेस दुबे, दिप्ती शरण, कमाख्या सिंह, नागेश्वर सिंह, दिग्विजय सिंह,अरुण सिंह, अयोध्या दुबे, रामचंद्र प्रसाद, रामाशीष सिंह, विजयानंद पाठक, नवल तुलस्यान, प्रेम भस२ीन सहित कई लोग मौजूद थे.