कोल्हान व नीलांबर-पीतांबर विवि के शक्षिकों को अपने खर्च पर करना होगा रफ्रिेशर कोर्स

कोल्हान व नीलांबर-पीतांबर विवि के शिक्षकों को अपने खर्च पर करना होगा रिफ्रेशर कोर्सयूजीसी के नये नियम से प्राइवेट विवि भी फंसेप्रत्येक कोर्स में कम से कम 30 प्रतिभागियों का होना जरूरीकई कोर्स प्रभावित, तिथि में की गयी फेरबदलसंजीव सिंहरांची : रांची विवि अंतर्गत मानव संसाधन विकास केंद्र (पूर्व में एकेडमिक स्टाफ कॉलेज) में अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2015 8:09 PM

कोल्हान व नीलांबर-पीतांबर विवि के शिक्षकों को अपने खर्च पर करना होगा रिफ्रेशर कोर्सयूजीसी के नये नियम से प्राइवेट विवि भी फंसेप्रत्येक कोर्स में कम से कम 30 प्रतिभागियों का होना जरूरीकई कोर्स प्रभावित, तिथि में की गयी फेरबदलसंजीव सिंहरांची : रांची विवि अंतर्गत मानव संसाधन विकास केंद्र (पूर्व में एकेडमिक स्टाफ कॉलेज) में अब कोल्हान विवि चाइबासा व नीलांबर-पीतांबर विवि मेदिनीनगर के स्नातकोत्तर विभाग के शिक्षक व मुख्यालय के कर्मचारियों को रिफ्रेशर व अोरिएंटेशन कोर्स अपने खर्च पर करना होगा. यूजीसी के नये नियम से रांची सहित देश के लगभग सभी प्राइवेट विवि के शिक्षक भी प्रभावित होंगे़ यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि जो विश्वविद्यालय यूजीसी द्वारा 12 बी के तहत मान्यता प्राप्त हैं, वहीं के शिक्षकों व कर्मचारियों को मानव संसाधन विकास केंद्र में रिफ्रेशर कोर्स के लिए टीए, डीए यूजीसी द्वारा उपलब्ध कराये जायेंगे. जिन्हें 12 बी के तहत मान्यता नहीं मिली है, वहां के शिक्षकों व कर्मचारियों को अपने खर्च पर रिफ्रेशर कोर्स करना होगा. झारखंड में कोल्हान विवि व नीलांबर-पीतांबर विवि को अभी तक यूजीसी से 12 बी की मान्यता नहीं मिली है. हालांकि कोल्हान विवि व नीलांबर-पीतांबर विवि अंतर्गत अंगीभूत कॉलेजों को यूजीसी द्वारा 12 बी के तहत मान्यता मिली हुई है. राज्य के सभी प्राइवेट विवि को भी यूजीसी द्वारा 12 बी के तहत मान्यता नहीं मिली हुई है.मान्यता रहने से क्या मिलती सुविधायूजीसी द्वारा 12 बी के तहत मान्यता रहने से प्रत्येक प्रतिभागी को टीए के तहत केंद्र तक आने-जाने का रेलवे में थर्ड एसी के समतुल्य भाड़ा दिया जाता है. डीए के तहत दिन में कोर्स के लिए 150 रुपये व दिन व रात में केंद्र में रहनेवाले प्रतिभागी को 300 रुपये प्रतिदिन दिये जाते हैं. रात में रहनेवाले के लिए इसी राशि में छात्रावास की सुविधा मुहैया करायी जाती है. कोर्स समाप्त करने पर प्रतिभागियों को पुस्तकें उपलब्ध करायी जाती हैं. नये नियम से कोर्स हुए प्रभावितयूजीसी के इस नये नियम से केंद्र के लगभग सभी कोर्स प्रभावित हो गये हैं. अपने खर्च पर आने व रहने के मुद्दे पर प्रतिभागियों की संख्या कम हो गयी है. जबकि प्रत्येक कोर्स के लिए कम से कम 30 प्रतिभागी का होना जरूरी है. इससे इस सत्र में ट्राइबल स्टडीज रिफ्रेशर कोर्स अब पांच मार्च 2016 से शुरू किया जा रहा है. इसी प्रकार बेसिक साइंस रिफ्रेशर कोर्स अब नौ जनवरी 2016 व लिंग्विस्टक रिफ्रेशर कोर्स दो फरवरी 2016 से शुरू किये जा रहे हैं. इन कोर्स को अगस्त तक समाप्त कर देना था. इधर अोरिएंटेशन कोर्स की तिथि में भी बदलाव किया गया है. अब इस सत्र में तीन अोरिएंटेशन कोर्स क्रमश: तीन दिसंबर 2015, एक फरवरी 2016 व एक मार्च 2016 में होंगे. आइटी का रिफ्रेशर कोर्स दो दिसंबर 2015 से, विंटर स्कूल पांच जनवरी 2016 से, पीएचडी स्कॉलर के लिए सात जनवरी 2016 से अौर बिजनेस स्टडीज के लिए कोर्स चार फरवरी 2016 से शुरू किये जा रहे हैं. क्यों जरूरी है कोर्सविवि में शिक्षकों को प्रोन्नति पाने के लिए रिफ्रेशर कोर्स आवश्यक है. साथ ही सिलेबस में हो रहे बदलाव से शिक्षकों को परिचित कराया जाता है. पढ़ाने के तरीके बताये जाते हैं. वहीं नये शिक्षकों (जिनकी नियुक्ति पांच वर्ष तक हो गयी है) को अोरिएंटेशन कोर्स के तहत विषय के बारे में पढ़ाने के तौर-तरीकों से अवगत कराया जाता है. क्या कहते हैं निदेशककेंद्र के निदेशक डॉ अशोक कुमार चौधरी ने कहा है कि यह सही है कि यूजीसी के नये नियम से कई विवि के शिक्षकों व कर्मचारियों को कोर्स में अब अपने खर्च पर करना पड़ेगा. पूर्व में यूजीसी से राशि उपलब्ध करायी जाती थी. इससे प्रतिभागियों में कमी आयी है.

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