खुल सकते हैं कई राज
चैनपुर(पलामू) : रविंद्र चौरसिया चैनपुर इलाके के लिए आंतक का पर्याय था. लूटमार, हत्या की घटना को अंजाम देकर वह अपराध की दुनिया में वह अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता था. सलतुआ के प्रेमा देवी हत्याकांड के बाद उसका नाम सामने आया था. पुलिस के मुताबिक इस हत्या के बाद वह फरार था और इसी […]
चैनपुर(पलामू) : रविंद्र चौरसिया चैनपुर इलाके के लिए आंतक का पर्याय था. लूटमार, हत्या की घटना को अंजाम देकर वह अपराध की दुनिया में वह अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता था. सलतुआ के प्रेमा देवी हत्याकांड के बाद उसका नाम सामने आया था. पुलिस के मुताबिक इस हत्या के बाद वह फरार था और इसी बीच टीपीसी टू नामक उग्रवादी संगठन बना कर इलाके में लोगों को डरा-धमका कर लेवी वसूलने का काम करता था.
उसके पास से जो मोबाइल मिला है, उसका पुलिस द्वारा कॉल डिटेल निकाला जायेगा, ताकि उसके संबंध किन लोगों से रहा है, इसका खुलासा हो सके. पुलिस को काफी दिनों से उसकी तलाश थी. पर कई बार ऐसा होता था, जब इलाके में उसकी उपस्थिति होती थी, लेकिन पुलिस को सही समय पर सूचना नहीं मिल पाती थी. इसके पीछे इलाके में उसके नाम का भय होना भी बताया जा रहा है. थाना प्रभारी रामअनुप महतो ने बताया कि पूरे मामले की छानबीन की जा रही है. पूछताछ के दौरान उसने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है.
प्रेमा देवी हत्याकांड में उसने अपनी अंतर्लिप्तता स्वीकार की है. उसने जो बयान दिया है उसके मुताबिक उसका इरादा हत्या की घटना को अंजाम देना नहीं था, बल्कि अपहरण कर प्रेमा देवी के परिजनों से पैसा वसूलना था. इसके लिए वह लोग दबाव बना रहे थे, जब देर हो गयी तो उनलोगों के पास कोई रास्ता नहीं बचा, कारण पुलिस दबीश भी बढी थी. बच निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था, इसलिए हत्या कर दी.
प्रदीप चौरसिया अभी भी फरार
सलतुआ के प्रेमा देवी हत्याकांड का एक आरोपी प्रदीप चौरसिया अभी भी फरार है. मालूम हो कि 30 नवंबर 2014 को सलतुआ के अरविंद गुप्ता के घर अपराधियों ने लूटपाट किया था और उसकी पत्नी प्रेमा देवी का अपहरण कर लिया था. अपहरण के बाद प्रेमा का शव तालापारा के झालाबार पहाड़ के पास से मिला था.
इस मामले में रविंद्र चौरसिया गिरोह के छनकू चौधरी, शिवकुमार चौधरी, शिवटहल चौधरी, अखिलेश चौरसिया, पिंटू दुबे के साथ-साथ अजय चौरसिया को भी जेल भेजा गया है. लेकिन रविंद्र चौरसिया और प्रदीप चौरसिया फरार चल रहे थे. रविंद्र की गिरफ्तारी हो गयी है. प्रदीप अभी भी फरार है. थाना प्रभारी रामअनुप महतो ने बताया कि प्रदीप चौरसिया की गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस सक्रियता के साथ लगी हुई है. टीम का गठन पुलिस अधीक्षक के निर्देश के आलोक में किया गया है.
किससे जुड़े हैं तार
रविंद्र चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद पुलिस इस बात की भी छानबीन करेगी कि रविंद्र चौरसिया को इलाके में आर्थिक रूप से मदद करने वाले कौन लोग हैं. जो लोग उसकी मदद कर रहे हैं, वह स्वेच्छा से उसकी मदद कर रहे हैं, या फिर भयवश, इसे भी देखा जायेगा. थाना प्रभारी रामअनुप महतो ने बताया कि मुख्य रूप से रविंद्र
चौरसिया इलाके के ठेकेदार व ईंट भट्ठा वालों से पैसा वसूलता था. यही उसके मुख्य आर्थिक स्रोत हैं. इसके अलावा पूछताछ के दौरान रविंद्र चौरसिया ने टीपीसी टू के संदर्भ में भी कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है. बताया है कि टीपीसी टू का गठन लोगों में भय पैदा करने के लिए ही किया गया है.