खबर-01- महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता : डीजीपीखबर-02- हेलीकॉप्टर को निशाना बना सकते हैं नक्सली : प्रधानहम चाहते हैं कि पुलिस में हो 50 प्रतिशत महिलादंगा में मीडिया की भूमिका सराहनीयवरीय संवाददाता, रांचीझारखंड में भ्रष्टाचारमुक्त पुलिस थाना स्थापित हो, यह हमारा उद्देश्य है. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. यह बात डीजीपी डीके पांडेय ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कही. उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस इस कोशिश में जुटी हुई है कि किसी को भी पासपोर्ट वेरिफिकेशन, चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने में दिक्कत न हो. सिपाही से लेकर डीजीपी तक जनता के सेवक हैं. जनता के लिए काम कर रहे हैं. उनकी सुरक्षा में लगे हैं. मुझे मेरे फोर्स पर गर्व है. 100 डायल सिस्टम को चालू कराने, हाइवे पर लोगों को सुरक्षा देने, दुर्घटना की स्थिति में 10 मिनट में घायल तक पहुंचना हमारा उद्देश्य है. सरकार राज्य के विकास में लगी हुई है. इस विकास में पुलिस की भी भागीदारी होगी. हम 13 इलाकों को फोकस कर काम कर रहे हैं. इन इलाकों के ग्रामीणों को ट्रेनिंग देकर पुलिस मुद्रा बैंक से लोन दिलवा कर उन्हें रोजगार शुरू करवायेगी. डीजीपी ने कहा कि रांची में हुए दंगा के दौरान मीडिया की भूमिका सराहनीय रही. हमें हर कदम पर मीडिया का सहयोग मिला. हत्या, लूट व डकैती में कमीपिछले आठ माह (जनवरी से अगस्त) के अपराध पर चर्चा करते हुए डीजीपी ने कहा कि हत्या, दहेज हत्या, डकैती, लूट, अपहरण आदि की घटनाओं में कमी आयी है. हालांकि दूसरे तरह के अपराध बढ़े हैं. उन्होंने वर्ष 2014 के आठ माह (मई से दिसंबर तक) और वर्ष 2015 के आठ माह (जनवरी से अगस्त तक) का अपराध का तुलनात्मक आंकड़ा जारी किया. जमीन विवाद में नहीं उलझेगी पुलिसएक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि पुलिस का काम कानून-व्यवस्था को बनाये रखना और अपराध पर लगाम लगाना है. हमने थानों की पुलिस को निर्देश दिया है कि वह जमीन विवाद में न उलझे. विवाद की बात सामने आने पर सिर्फ रिपोर्ट करें. जबरन कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे. थानों की पुलिस को यह भी निर्देश दिया गया है कि मिनरल, कोयला आदि के कामों में भी नहीं उलझे.वहीं एडीजी अभियान एसएन प्रधान ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ अभी तक हमारा प्रदर्शन देश भर में बेहतर है. इसका आकलन पुलिस और नक्सलियों को हुई क्षति से किया जाता है. झारखंड में इस साल दो पुलिसकर्मी शही हुए,पर मुठभेड़ में 24 नक्सली मारे गये हैं. एडीजी ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि एक साथ हजारों लैंड माइंस बरामद किये गये. भविष्य में नक्सलियों के द्वारा केन बम की जगह प्लास्टिक में रखे लैंड माइन का इस्तेमाल किया जा सकता है. नक्सली संगठन के शीर्ष नेता अब पुलिस से आमने-सामने नहीं लड़ना चाहते. हमें यह भी सूचना मिल रही है कि नक्सली हेलीकॉप्टर के उड़ान भरते या लैंड करते वक्त उसे निशाना बना सकते हैं. विशाखापत्तनम में नक्सलियों द्वारा दो नेताओं के अपहरण की घटना की चर्चा करते हुए एडीजीपी ने कहा कि नक्सली कमजोर पड़ रहे हैं. इस कारण इस तरह की घटनाएं कर रहें हैं. वह आमने-सामने लड़ने के बजाये छिप कर लड़ने की रणनीति पर काम कर रहे हैं, इसलिए जहां पर कमजोर सुरक्षा है, वहां पर टारगेट किया जा सकता है. सरेंडर करने के लिए कई बड़े नक्सली पुलिस के संपर्क मेंएडीजी अभियान ने प्रभात खबर की खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि कई बड़े नक्सली सरेंडर करने के लिए पुलिस के संपर्क में हैं. पुलिस अभियान का दवाब और इनाम की राशि की वजह से नक्सली पुलिस के संपर्क में आ रहे हैं. नक्सलियों के ऊपर दर्ज मामले को वापस करने के सवाल पर एडीजी अभियान ने कहा कि सरकार ऐसा नहीं कर सकती. हम सिर्फ इतना कर सकते हैं कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों के खिलाफ दर्ज मामले को वापस करने के लिए सरकारी वकील कोर्ट में आवेदन कर देंगे. यह कोर्ट पर निर्भर है कि वह मुकदमा वापस करेगी या नहीं. 15-12 अक्तूबर तक शहीद सप्ताहएडीजी अभियान ने कहा कि राज्य पुलिस 15-21 अक्तूबर तक शहीद सप्ताह मनायेगी. इस दौरान पुलिस द्वारा ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया जायेगा. 21 अक्तूबर को शहीद दिवस का परेड का आयोजन किया जायेगा.शक्ति एप्स शुरू होगा15 अक्तूबर से 15 नवंबर तक मोबाइल गोर्वनेंस माह मनाया जा रहा है. इस दौरान राज्य पुलिस कई योजनाओं की शुरुआत करेगी. शक्ति एप्स, डिजिटल डैशबोर्ड, सीटिजन पोर्टल, डिजिटल डायल-100 की शुरुआत इसी दौरान की जायेगी. पांच-छह नवंबर को पुलिस कांक्लेवराज्य पुलिस पांच व छह नवंबर को पुलिस कंक्लेव का आयोजन करेगी. इसमें पुलिसिंग बाई कंसेंट पर चर्चा होगी. मतलब आम लोगों के मुताबिक पुलिसिंग विषय पर चर्चा होगी. एक मोबाइल एप्स भी लॉच किया जायेगा, जिसका नाम क्राउड सोर्सिंग ऑफ पुलिस होगा. इस एप्स पर रजिस्टर्ड मोबाइल यूजर किसी भी घटना की जानकारी दे सकेंगे, जिसके बाद तुरंत पुलिस वहां पर पहुंच कर अपना काम करेगी. खबर-03- 13579 बच्चों को प्रशिक्षित किया गया : मीणासीआइडी के आइजी संपत मीणा ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सीआइडी के द्वारा राज्य भर में बालिका उच्च विद्यालयों में 13579 बच्चों को प्रशिक्षित किया गया है. बच्चों को बताया गया है कि किस तरह की बातें होने पर वह अभिभावक या पुलिस को सूचना दें. कैसे सतर्क रहें. आइजी ने बताया कि ऑनलाइन एफआइआर सिस्टम के तहत अब 67 थानों को जोड़ा गया है. अब तक कुल 780 आवेदन आये हैं. इसमें से 655 का निष्पादन कर लिया गया है. 125 अावेदन लंबित हैं. 72 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. 533 मामलों में सनहा दर्ज किया गया है. सीआइडी के द्वारा अनुसंधानकों का डाटा बेस बनाया गया है. डाटा बेस के आधार पर अनुसंधानकर्ताओं को गवाही के लिए समय पर सूचना दी जायेगी. साइबर अपराध से निपटने के लिए साइबर थाने का गठन किया जा चुका है. चोरी, बैंक डकैती, दंगा बढ़े, हत्या, डकैती, लूट घटेअपराध का आंकड़ाअपराध®वर्ष 2014 (मई-दिसंबर)®वर्ष 2015(जनवरी-अगस्त)हत्या®1392®1324डकैती®183®141लूट®416®362फिरौती के लिए अपहरण®35®34सेंधमारी®1161®1036चोरी®6159®6966दुष्कर्म®796®895महिला हत्या®274®253दहेज हत्या®237®194दहेज उत्पीड़न®1336®1278महिला उत्पीड़न®1128®1277डायन हत्या®24®32डायन उत्पीड़न®548®55626 बड़े नक्सली पकड़े गये, 24 मारे गयेवरीय संवाददाता, रांची एडीजी अभियान ने संवाददाताओं को बताया कि इस साल अब तक पुलिस मुठभेड़ में 24 नक्सली मारे गये हैं. 26 बड़े नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें एक स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य, एक रिजनल कमेटी सदस्य, चार जोनल कमांडर, 13 सब जोनल कमांडर और सात एरिया कमांडर शामिल हैं. 30 सितंबर तक पुलिस ने 788 स्पेशल अभियान चलाया. 880 एलआरपी किया गया. 27 इंटर स्टेट ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया गया. 37 बार पुलिस की नक्सलियों से मुठभेड़ हुई. नक्सलियों के खिलाफ पुलिस की सफलतासफलता®बरामदगी या गिरफ्तारीनक्सली मारे गये®24बड़े नक्सली गिरफ्तार®26सरेंडर नक्सली®10पुलिस हथियार®28रेगुलर हथियार®13देशी हथियार®219गोली®3836लैंडामाइन, ग्रेनेड आदि®3836विस्फोटक®9450 किलोडेटोनेटर®47927बंकर ध्वस्त®02लेवी का राशि®46.20 लाखपुलिस मुठभेड़®36कुल गिरफ्तारी®385बॉक्स राज्य में हर दिन बढ़े 14 अपराधरांचीवर्ष 2014 के जनवरी से अगस्त तक की तुलना में वर्ष 2015 में 3581 अपराध की बढ़ोतरी हुई है. इस तरह 240 दिन (आठ माह) में 3581 अपराध बढ़े हैं. मतलब पिछले साल की तुलना में इस साल हर दिन 14 अपराध ज्यादा हुए हैं. सीआइडी के आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2014 के जनवरी से अगस्त तक में 38058 अपराध हुए थे, जबकि इसी अवधि में इस वर्ष 41633 अपराध हुए हैं. हालांकि हत्या, डकैती, लूट, फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं में कमी आयी है, लेकिन चोरी, दंगा, दुष्कर्म की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है.
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