हक दो, नहीं तो आंदोलन
कुशवाहा अधिकार महारैली, भुजबल ने कहा हजारीबाग : महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री व महात्मा ज्योति बा फुले के राष्ट्रीय अध्यक्ष छगन भुजबल ने कहा कि पूरे देश की पिछड़ी जाति एकजुट हों, तभी सरकार आपकी मांगों पर झुकेगी. इतिहास हमारे सामने है. सभी महापुरुष हमारे आदर्श हैं. कुशवाहा समाज को अधिकार नहीं मिला, तो हर […]
कुशवाहा अधिकार महारैली, भुजबल ने कहा
हजारीबाग : महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री व महात्मा ज्योति बा फुले के राष्ट्रीय अध्यक्ष छगन भुजबल ने कहा कि पूरे देश की पिछड़ी जाति एकजुट हों, तभी सरकार आपकी मांगों पर झुकेगी. इतिहास हमारे सामने है. सभी महापुरुष हमारे आदर्श हैं. कुशवाहा समाज को अधिकार नहीं मिला, तो हर राज्य में आंदोलन छेड़ा जायेगा.
श्री भुजबल रविवार को संत कोलंबा स्टेडियम में अखिल भारतीय महात्मा ज्योति बा फुले समता परिषद व झारखंड कुशवाहा महासभा की ओर से आयोजित प्रदेश स्तरीय कुशवाहा अधिकार महारैली को संबोधित कर रहे थे.
झारखंड सरकार को कोसा : श्री भुजबल ने कहा कि पूरे देश में पिछड़ों की संख्या 60 करोड़ है. पर राजनीति में हम शून्य हो चुके हैं. हम आह भरते हैं, तो हो जाते हैं बदनाम, वह कत्ल भी करते हैं, तो शिकवा नहीं होती. उन्होंने पिछड़ी जाति के लिए आरक्षण घटाये जाने पर झारखंड सरकार को कोसा. कहा कि बिहार में पिछड़ों के लिए तय आरक्षण को झारखंड सरकार भी बरकरार रखे. हमारा आरक्षण घटाओगे, तो हमें यह बरदाश्त नहीं है.
उन्होंने कहा कि पिछड़ों के लिए मर– मिटनेवाले महान पुरुषों की बातों को याद करने की जरूरत है. अपने हक के लिए नेतृत्व करनेवाले मर– मिट जायें, तो कई नेता जन्म लेंगे.
हम संगठित नहीं हैं
पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा : हम संगठित नहीं हैं, जिसका लाभ दूसरे उठा रहे हैं. हम आपस में ही लड़ कर अपनों को चुनाव में हरा देते हैं. इसलिए हमारी आवाज उठानेवाला संसद व विधानसभा में कोई नहीं है. सभा को पूर्व विधायक लोकनाथ महतो, प्रणव वर्मा समेत कई नेताओं ने भी संबोधित किया.
किसने क्या कहा
महापुरुषों के आंदोलन से जो आपको अधिकार मिला था, उसे कुछ लोगों ने छीना है. हम राजस्थान की गुज्जर जाति की तरह अपने अधिकार के लिए अंतिम लड़ाई लड़ेंगे.
बापू भुजबल, झारखंड प्रभारी
तमिलनाडु में पिछड़ों व अन्य जातियों के लिए आरक्षण 69 प्रतिशत है, तो झारखंड में 73 प्रतिशत क्यों नहीं हो सकता. यहां पिछड़ों के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण है. इतना कम आरक्षण दूसरे राज्यों में कहीं नहीं है.
भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, पूर्व सांसद
कोई भी पार्टी– पौवा नहीं चलेगी. जो हमारे समाज को तरजीह देगा, प्रतिनिधित्व करने का मौका देगा, वही हमारी अपनी पार्टी होगी.
नागमणि, पूर्व सांसद
बिना प्रतिकार के अधिकार नहीं मिलता. हमारे समाज के युवा जिस दिन मिजाज बदल देंगे, अधिकार मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
अकलू राम महतो, पूर्व मंत्री
झारखंड में पिछड़ों के लिए तय किये गये 14 प्रतिशत आरक्षण को मंत्रिमंडल ने पास नहीं किया.
देवदयाल कुशवाहा, पूर्व मंत्री