स्वास्थ्य कर्मियों को मिलेगा इंसेंटिव

स्वास्थ्य कर्मियों को मिलेगा इंसेंटिवउच्च प्राथमिकता वाले 11 जिलों का मिलेगा 20 प्रतिशत अधिक फंडवरीय संवाददाता, रांचीस्वास्थ्य संबंधी कमतर आंकड़े व उपलब्धि वाले जिले के स्वास्थ्य कर्मियों को इंसेंटिव (प्रोत्साहन राशि) मिलेगा. केंद्र सरकार ने एनआरएचएम के फंड से इन्हें प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है. दरअसल केंद्र ने देश भर के वैसे जिलों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2015 6:15 PM

स्वास्थ्य कर्मियों को मिलेगा इंसेंटिवउच्च प्राथमिकता वाले 11 जिलों का मिलेगा 20 प्रतिशत अधिक फंडवरीय संवाददाता, रांचीस्वास्थ्य संबंधी कमतर आंकड़े व उपलब्धि वाले जिले के स्वास्थ्य कर्मियों को इंसेंटिव (प्रोत्साहन राशि) मिलेगा. केंद्र सरकार ने एनआरएचएम के फंड से इन्हें प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है. दरअसल केंद्र ने देश भर के वैसे जिलों को चिह्नित किया है, जहां स्वास्थ्य कार्यक्रमों को अौर गंभीरता से लागू किया जाना है. ये ऐसे जिले हैं, जो हेल्थ इंडिकेटर (स्वास्थ्य सूचक) खास कर मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर की लिहाज से पिछड़े हैं. इन्हें उच्च प्राथमिकता वाला जिला माना गया है. झारखंड के कुल 11 जिलों को इस श्रेणी में रखा गया है. इनमें दुमका, प. सिंहभूम, सरायकेला, पलामू, साहेबगंज, सिमडेगा, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, गोड्डा व गुमला जिले शामिल हैं. इन जिलों को गैर प्राथमिकता वाले जिलों से 20 फीसदी अधिक फंड मिलना है. एनआरएचएम की गाइडलाइन के अनुसार स्वास्थ्य उप केंद्र में पांच से अधिक डिलिवरी होने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में 15 से अधिक डिलिवरी होने तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में 50 से अधिक डिलिवरी होने पर चिकित्सक, नर्स तथा पारा मेडिकल स्टाफ को प्रोत्साहन राशि मिलेगी. इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष में 1.87 करोड़ रु का बजट है. वहीं इन जिलों के फस्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) में 10 से अधिक सिजेरियन होने पर प्रति सिजेरियन तीन हजार रु अॉपरेशन करने वाली पूरी टीम को मिलेगा. इसी तरह गर्भवती महिला जो एनिमिक हो, इसकी पहचान करनेवाली एएनएम को एक हजार रुपये दिये जायेंगे. सरकार को उम्मीद है कि इससे मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर में कमी आयेगी.

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