ओके…सैलानियों के ठहरने की व्यवस्था नहीं
अोके…सैलानियों के ठहरने की व्यवस्था नहीं13 लेट 5- होटल प्रभात विहार का नया भवन अधूरा है. 13 लेट 6- यहीं था रेवेन्यू डाकबंगला.पर्यटन नगरी नेतरहाट का हालजीर्णोद्धार न कर नव निर्माण के नाम पर होटलों को ही तोड़ दिया गयाप्रतिनिधि, लातेहारपर्यटन नगरी नेतरहाट में 2008-09 में होटल प्रभात विहार को नव निर्माण के नाम पर […]
अोके…सैलानियों के ठहरने की व्यवस्था नहीं13 लेट 5- होटल प्रभात विहार का नया भवन अधूरा है. 13 लेट 6- यहीं था रेवेन्यू डाकबंगला.पर्यटन नगरी नेतरहाट का हालजीर्णोद्धार न कर नव निर्माण के नाम पर होटलों को ही तोड़ दिया गयाप्रतिनिधि, लातेहारपर्यटन नगरी नेतरहाट में 2008-09 में होटल प्रभात विहार को नव निर्माण के नाम पर तोड़ दिया गया था. उक्त स्थल पर नये भवन की आधारशिला रखी गयी थी. लेकिन उसके बाद आज तक एक इंच काम नहीं हुआ. पुन: पिछले माह रेवेन्यू डाकबंगला को भी तोड़ दिया गया. सैलानियों के ठहरने के लिए यही आम व्यवस्था थी. बाकी विश्रामागारों में खास लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. बताया जाता है कि होटल प्रभात विहार में सिर्फ फर्श टूटा हुआ था. लेकिन पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने पूरे भवन को तोड़ कर नये भवन का निर्माण कराने की स्वीकृति दे दी. 30 अप्रैल 1998 को इस होटल के भवन का उदघाटन तत्कालीन बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री जगदानंद सिंह ने किया था. होटल व डाकबंगला तोड़ दिये जाने से नेतरहाट में सैलानियों की संख्या में कमी आयी है. ठहरने के स्थान की कमी के कारण पर्यटक नहीं आ पा रहे हैं. पर्यटन पर आश्रित नेतरहाट का व्यवसाय मंदा हो गया है.