अगले साल केंद्रीय योजनाओं में राज्य की हस्सिेदारी 50 प्रतिशत होगी

अगले साल केंद्रीय योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत होगीराज्य सरकार ने इसी आधार पर अगले वित्तीय वर्ष में बजटीय प्रावधान करना शुरू कियाविशेष संवाददातारांची. फंडिंग पैटर्न पर केंद्र से कोई जवाब नहीं मिलने से राज्य सरकार ने केंद्रीय योजनाओं में अपनी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत रखने का फैसला किया है, साथ ही इसी आधार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2015 6:03 PM

अगले साल केंद्रीय योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत होगीराज्य सरकार ने इसी आधार पर अगले वित्तीय वर्ष में बजटीय प्रावधान करना शुरू कियाविशेष संवाददातारांची. फंडिंग पैटर्न पर केंद्र से कोई जवाब नहीं मिलने से राज्य सरकार ने केंद्रीय योजनाओं में अपनी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत रखने का फैसला किया है, साथ ही इसी आधार पर अगले वित्तीय वर्ष में बजटीय प्रवधान करना शुरू किया है.केंद्र सरकार ने 14 वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के आलोक में केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 42 प्रतिशत कर दी. 13वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के आलोक में 32 प्रतिशत हिस्सेदारी मिल रही थी. केंद्र सरकार ने 14 वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं को स्वीकार करने के बाद केंद्रीय ओर केंद्र प्रायोजित योजनाओं का फंडिंग पैटर्न बदल दिया. केंद्र ने अधिकतम 50 प्रतिशत राशि देने की बात कही. राज्य सरकारों ने फंडिंग पैटर्न बदने का विरोध किया. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने फंडिंग पैटर्न पर अंतिम निर्णय करने के उद्देश्य से एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया. इसमें झारखंड के मुख्यमंत्री को भी शामिल किया गया. इस समिति की बैठकें हुईं. इसमें झारखंड ने भी केंद्रीय और केंद्र प्रायोजित योजनाओं में 50 प्रतिशत से अधिक धन दिये जाने का मांग की, पर केंद्र सरकार ने समिति की अनुशंसाओं पर फैसला नहीं किया. इस बीच अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट बनाने का काम शुरू हुआ, पर फंडिंग पैटर्न पर फैसला नहीं होने की वजह से सरकार के सामने यह सवाल पैदा हो गया कि वह केंद्रीय योजनाओं में राज्यांश के रूप में कितनी राशि का प्रावधान करे. इस स्थिति से उबरने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा. इसमें सितंबर तक फंडिंग पैटर्न पर फैसला करने का अनुरोध किया, पर केंद्र से इस मामले में कोई जवाब नहीं मिला. इसलिए राज्य सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए 50:50 के आधार पर ही बजटीय प्रवधान करने का फैसला किया है.

Next Article

Exit mobile version