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गावों में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से होगी जलापूर्ति

गावों में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से होगी जलापूर्तिपाइप लाइन से की जायेगी जलापूर्ति 94 करोड़ की योजना को मिली मंत्री की प्रशासनिक स्वीकृति2000 से अधिक टोलों में लगाया जायेगा सोलर पंपवरीय संवाददाता, रांचीराज्य के ग्रामीण इलाके में सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले मोटर से पाइप लाइन के जरिये जलापूर्ति की जायेगी. पेयजल एवं […]

गावों में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से होगी जलापूर्तिपाइप लाइन से की जायेगी जलापूर्ति 94 करोड़ की योजना को मिली मंत्री की प्रशासनिक स्वीकृति2000 से अधिक टोलों में लगाया जायेगा सोलर पंपवरीय संवाददाता, रांचीराज्य के ग्रामीण इलाके में सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले मोटर से पाइप लाइन के जरिये जलापूर्ति की जायेगी. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की इस याेजना से ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग दो हजार टोलों में साफ पानी की आपूर्ति की जायेगी. टोलों में पहले से स्थापित चापानलों को जल के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जायेगा. दो हजार लीटर प्रति घंटा या इससे अधिक वाटर डिस्चार्ज वाले चापानलों में एक एचपी का सोलर पंप लगाया जायेगा. सरकार की इस योजना में 94.1 करोड़ रूपये खर्च आयेगा. योजना 1.5 साल में पूरी कर ली जायेगी. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी ने योजना के तहत राशि खर्च करने को प्रशासनिक मंजूरी दे दी है. सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले इस ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना के तहत रांची के 100, गुमला के 75, लोहरदगा के 50, लातेहार के 75, चाईबासा के 50, चक्रधरपुर के 75, सरायकेला के 75, जामताड़ा के 100, पाकुड़ के 100, साहेबगंज के 100, सिमडेगा के 25, चास के 75, तेनुघाट के 25, चतरा के 75, गिरिडीह के 100, हजारीबाग के 225, कोडरमा के 50, रामगढ़ के 150, धनबाद के 125, देवघर के 75, मधुपुर के 75 एवं गोड्डा जिले के 125 टोलों में जलापूर्ति की योजना है. योजना के तहत सभी स्थानों पर सौर ऊर्जा संचालित पंप स्थापित किया जाना है. सौर ऊर्जा संचालित प्रत्येक इकाई पर 4.9 लाख रुपये खर्च आयेगा. जलापूर्ति के लिये जगह-जगह पर लगायी जाने वाली पानी टंकी के रख-रखाव की जबावदेही ग्राम पंचायतों को सौंपी जायेगी. खुली निविदा के माध्यम से टर्न के आधार पर योजना पूरी की जायेगी. नई परंपरा की शुरूआत होगी: चंद्रप्रकाशजल संसाधन सह पेयजल स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा : सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से पाइप लाइन के जरिये पेयजलापूर्ति एक नई परंपरा की शुरूआत होगी. राज्य में गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत का उपयोग एक चुनौती है. सरकार द्वारा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों के तहत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने अग्रणी कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि इस योजना को स्वीकृत राशि में ही पूरा कराया जायेगा. स्वीकृत राशि से अधिक का कार्य होने पर इसकी जबावदेही संबंधित कार्यपालक अभियंता पर होगी.

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