चियांकी की बेहतर खेती मिसाल है
मेदिनीनगर : छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राधाकृष्ण किशोर बुधवार को चियांकी स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र का भ्रमण किया. इस दौरान अनुसंधान केंद्र द्वारा किये गये विभिन्न फसलों के अनुसंधान को देखा. विधायक श्री किशोर ने कहा कि पानी का बेहतर प्रबंधन किये जाने के कारण चियांकी अनुसंधान केंद्र में बेहतर खेती हुई है. एक […]
मेदिनीनगर : छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राधाकृष्ण किशोर बुधवार को चियांकी स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र का भ्रमण किया. इस दौरान अनुसंधान केंद्र द्वारा किये गये विभिन्न फसलों के अनुसंधान को देखा. विधायक श्री किशोर ने कहा कि पानी का बेहतर प्रबंधन किये जाने के कारण चियांकी अनुसंधान केंद्र में बेहतर खेती हुई है. एक चेकडैम व एक तालाब के भरोसे लगभग 150 एकड़ में खेती की गयी है, जो काफी सराहनीय है.
उन्होंने कहा कि इस तकनीक को गांव के किसानों तक पहुंचाने की जरूरत है. जानकारी के अभाव में किसान इस तकनीक का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, जिसके कारण पिछले कई वर्षों से सुखाड़-अकाल की मार झेलना पड़ रही है. उन्होंने कहा कि कम पानी में वैकल्पिक खेती क्या हो सकती है, इसके बारे में किसानों को जागरूक किया जाये. उन्होंने कहा कि पलामू के किसान सुखाड़ के कारण हर साल परेशान हो रहे हैं, इसलिए कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना पलामू में होना जरूरी है, इसके लिए वह सरकार से मांग भी करेंगे.
उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार राज्य के लोगों को पर्याप्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के प्रति संवेदनशील है. वर्तमान में जितना खाद्यान्न की जरूरत है, उससे काफी कम उत्पादन हो रहा है. उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे चियांकी अनुसंधान केंद्र में जाकर उसके बारे में जानकारी प्राप्त करें, ताकि उस विधि से खेती कर सके. अनुसंधान केंद्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ डीएन सिंह ने कहा कि अनुसंधान केंद्र में मडुआ, मुंगफली, सोयाबीन, अरहर, मक्का, धान पर अनुसंधान किया गया है.
धान का सहभागी व नवीन प्रजाति के बीज का उत्पादन किया गया है. पानी का बेहतर संचयन किया गया है, तभी आज फसल लहलहा रही है. उन्होंने कहा कि पलामू में जितना बारिश हो रहा है, उससे भी खेती की जा सकती है, लेकिन उसके लिए बारिश के पानी का संचयन जरूरी है. डॉ सिंह ने विधायक श्री किशोर को अनुसंधान केंद्र में किये गये अनुसंधान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी. इस मौके पर प्रमोद कुमार, डॉ ए पाल, डॉ अब्दुल माजीद अंसारी, डॉ कुमार शैलेंद्र मोहन सहित कई लोगमौजूद थे.