संघ…. 32 हजार स्थानों पर 51 हजार शाखाएं

संघ…. 32 हजार स्थानों पर 51 हजार शाखाएंइनमें से 60 फीसदी स्थान ग्रामीणआने वाले तीन वर्षों में देश के हर मंडल तक पहुंचने का लक्ष्यवरीय संवाददाता, रांचीमहिलौंग में हो रही संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में देश भर से चार सौ लोग भाग ले रहे हैं. आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2015 6:18 PM

संघ…. 32 हजार स्थानों पर 51 हजार शाखाएंइनमें से 60 फीसदी स्थान ग्रामीणआने वाले तीन वर्षों में देश के हर मंडल तक पहुंचने का लक्ष्यवरीय संवाददाता, रांचीमहिलौंग में हो रही संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में देश भर से चार सौ लोग भाग ले रहे हैं. आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने पत्रकारों को बताया कि गत छह वर्षों के प्रयास से संघ के विस्तार कार्य के अच्छे परिणाम मिले हैं. नयी शाखा खोलना तथा नये लोगों को इससे जोड़ना तो हर दिन का काम है. देश के हर जिले या तहसील (जिसे हम संघ में खंड कहते हैं) में संघ का कार्य विस्तार चल रहा है. देश की युवा पीढ़ी संघ से जुड़ने के लिए उत्साहित है. आज देश के कुल 32 हजार स्थानों पर संघ की 51 हजार शाखाएं चल रही हैं. आने वाले तीन वर्षों में हमने देश के हर मंडल तक पहुंचने का लक्ष्य बनाया है. जहां शाखा नहीं है, वहां हम साप्ताहिक मिलन करते हैं. हम 13620 स्थानों पर यह मिलन करते हैं. इसके अलावा मासिक मिलन, जिसे हम संघ मंडली कहतें है, भी होता है. इस पूरे कार्य विस्तार का करीब 60 फीसदी ग्रामीण क्षेत्र में है. शाखाअों में हम एक घंटे शारीरिक, बौद्धिक व मानसिक विकास के लिए देते हैं. आज संघ की 66 फीसदी शाखाएं विद्यार्थियों की है. उसी तरह 91 फीसदी शाखाएं 18 से 40 वर्ष तक के युवाअों की है. संघ इन दिनों ग्रामीण विकास के कार्य भी कर रहा है. गत 15 वर्षों के हमारे लगातार प्रयास से करीब डेढ़ सौ गांवों में जीवन बदला है. इन गांवों में लोग अब शहरों में जाकर नहीं बसते. गांव में ही उनकी सारी जरूरतें पूरी होती हैं. परिवार में सेवा भाव होसंघ पारिवारिक मूल्य बढ़ाने के लिए कुटुंब प्रबोधन कार्यक्रम चलाता है. चैरिटी बिगिंस इन होम की तर्ज पर संघ परिवार में सेवा भाव बढ़ाने, जरूरतमंद की मदद करने सहित अन्य सकारात्मक भाव भरता है. कुटुंब प्रबोधन के कार्यक्रमों में हजारों लोग हिस्सा लेते हैं. नव दंपती के लिए भी कार्यक्रम चलाये जाते हैं. इन सबका मकसद हर घर में सेवा भाव लाना है.

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